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करोड़ों की आय वाली मंडी में कार्मिकों की कमी

locationसवाई माधोपुरPublished: Aug 11, 2019 11:17:41 am

Submitted by:

Rajeev

गंगापुरसिटी . कृषि जिंसों के कारोबार के चलते प्रदेश भर में खास पहचान रखने वाली कृषि उपज मंडी समिति कार्मिकों की कमी से जूझ रही है। खास बात यह है कि राजस्व अर्जन के मामले में अग्रणी मानी जाने वाली मंडी समिति को विशिष्ट श्रेणी का दर्जा मिला हुआ है। इसके बाद भी कनिष्ठ लिपिक सहित कई पद खाली चल रहे हैं। कार्मिकों की सेवानिवृति और स्थानांतरण से रिक्त हुए यह पद लम्बा समय गुजरने के बाद भी भरे नहीं गए हैं। इसके चलते मंडी में कार्मिकों की कमी बनी हुई। इसके चलते कार्यरत कार्मिकों पर अतिरिक्त कार्यभार का बोझ रहता है। साथ ही कार्य भी प्रभावित हो रहा है।

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करोड़ों की आय वाली मंडी में कार्मिकों की कमी

– लम्बे समय बाद भी नहीं हुई नियुक्ति
गंगापुरसिटी . कृषि जिंसों के कारोबार के चलते प्रदेश भर में खास पहचान रखने वाली कृषि उपज मंडी समिति कार्मिकों की कमी से जूझ रही है। खास बात यह है कि राजस्व अर्जन के मामले में अग्रणी मानी जाने वाली मंडी समिति को विशिष्ट श्रेणी का दर्जा मिला हुआ है। इसके बाद भी कनिष्ठ लिपिक सहित कई पद खाली चल रहे हैं। कार्मिकों की सेवानिवृति और स्थानांतरण से रिक्त हुए यह पद लम्बा समय गुजरने के बाद भी भरे नहीं गए हैं। इसके चलते मंडी में कार्मिकों की कमी बनी हुई। इसके चलते कार्यरत कार्मिकों पर अतिरिक्त कार्यभार का बोझ रहता है। साथ ही कार्य भी प्रभावित हो रहा है।

रिक्त पदों की बानगी


सूत्रों के अनुसार कृषि उपज मंडी समिति के पर्यवेक्षक के दो पद स्वीकृत है, लेकिन दोनों ही पद खाली चल रहे हैं। वरिष्ठ लिपिक के दो पदों की तुलना में एक ही कार्यरत है। कनिष्ठ लिपिक के 15 पद स्वीकृत हैं, लेकिन वर्तमान में मात्र 5 ही कनिष्ठ लिपिक कार्यरत हैं। चौकीदार के 7 में से 6 पद खाली हैं। जल सेवक के दोनों ही पद रिक्त चल रहे हैं। वहीं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के 1, वाहन चालक के 1 तथा सफाई कर्मचारी के 5 पद खाली चल रहे हैं।

संविदा के भरोसे काम


पद रिक्त होने के कारण मंडी में संविदा पर कार्मिक लगाए हुए हंै। एक कनिष्ठ लिपिक संविदा पर लगाया हुआ है। वहीं सफाई, जल व्यवस्था व चौकीदारी व्यवस्था संविदा के भरोसे संचालित हो रही है। विभाग की ओर से लम्बे समय से नई नियुक्ति नहीं होने से यह स्थिति बनी हुई है। गौरतलब है कि मंडी लम्बे चौड़े परिसर में संचालित है। ऐसे में यदा-कदा चोरी की घटनाएं सामने आती रहती है।

करोड़ों की आय


विशिष्ट श्रेणी की मंडी से मंडी शुल्क के रूप में प्रति वर्ष करोड़ों रुपए की आय होती है। सूत्रों के अनुसार वर्ष 2018-19 में मंडी समिति को 418 लाख रुपए की आय हुई थी। इसी प्रकार वर्ष 2017-18 में 448.82 लाख रुपए, वर्ष 2016-17 में 427.46 लाख रुपए, वर्ष 2015-16 में 468.11 लाख रुपए की आय हुई थी। वहीं वर्ष 2014-15 में 500.51 लाख रुपए का राजस्व अर्जित हुआ था। इसके बाद भी कार्मिकों की कमी दूर नहीं की जा रही है।

रिक्त पद एक नजर में
पद स्वीकृत रिक्त


पर्यवेक्षक ०2 ०2
वरिष्ठ लिपिक ०2 ०1
कनिष्ठ लिपिक 15 10
चौकीदार ०7 ०6
जल सेवक ०2 ०2
च. श्रे. क. ०5 ०1
वाहन चालक ०1 ०1
सफाई कर्मचारी ०8 ०3
स्त्रोत- मंडी समिति

अवगत कराते हैं
रिक्त पदों को लेकर उच्चाधिकारियों को नियमित रूप से सूचना प्रेषित की जाती है। सरकार के स्तर से ही नियुक्ति की जानी है।
– एस. एस. गुप्ता, सचिव, कृषि उपज मंडी समिति गंगापुरसिटी।

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