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सरकारी कांटों पर सन्नाटा, मंडियों में बहार

locationसवाई माधोपुरPublished: Apr 13, 2021 08:57:33 pm

Submitted by:

rakesh verma

सरकारी कांटों पर सन्नाटा, मंडियों में बहारकिसान नहीं दिखा रहे सरकारी कांटे पर रुचिएमएसपी से अधिक दाम मंडियों में मिल रहे

सरकारी कांटों पर सन्नाटा, मंडियों में बहार

सरकारी कांटों पर सन्नाटा, मंडियों में बहार

सरकारी कांटों पर सन्नाटा, मंडियों में बहार
किसान नहीं दिखा रहे सरकारी कांटे पर रुचि
एमएसपी से अधिक दाम मंडियों में मिल रहे
बामनवासञ्चपत्रिका. क्रय विक्रय सहकारी समिति बामनवास की ओर से उपखंड क्षेत्र में तीन स्थानों पर समर्थन मूल्य पर खरीद के लिए सरकारी कांटे लगाए गए हैं, लेकिन किसानों को सरसों एवं चने का भाव मंडियों में ही समर्थन मूल्य से अधिक मिलने के कारण किसान सरकारी कांटे की तरफ रुख नहीं कर रहे हैं। नतीजन सरकारी खरीद केन्द्र सूने पड़े हुए हैं। एक अप्रैल से सरकारी खरीद केंद्र खोले गए थे। 13 दिन बीत जाने के बाद भी अब तक कोई किसान इन केंद्रों पर अपनी उपज बेचने के लिए नहीं आया है। हालांकि बताया गया है कि कुछ किसानों द्वारा अपनी उपज बेचने के लिए पंजीयन तो कराया गया। लेकिन कोई भी किसान माल लेकर इन केंद्रों पर नहीं पहुंच पाया है। ऐसी स्थिति में सरकारी खरीद केंद्र पर नियुक्त कार्मिक दिनभर ठाले बैठे रहते हैं। बामनवास में बामनवास, लिवाली एवं बाटोदा में सरकारी खरीद केंद्र स्थापित हैं। लेकिन तीनों ही जगह खरीद अभी तक शून्य है।
केवीएसएस ने कहा-मंडियों में दाम अधिक
इस बारे में क्रय-विक्रय सहकारी समिति बामनवास के सहायक व्यवस्थापक माणक गुप्ता ने बताया कि किसानों को समर्थन मूल्य से अधिक दाम मंडियों में मिल जाने की वजह से वह सरकारी खरीद केंद्र पर नहीं आ रहे हैं। सरकार की ओर से सरसों का 4650 एवं चने का 5100 प्रति क्विंटल दाम निर्धारित किया है। जबकि बाजार में इन दिनों सरसों लगभग 6000 रुपए प्रति क्वंटल के करीब बिक रही है। वहीं चना भी समर्थन मूल्य से अधिक बिक रहा है। उन्होंने बताया कि सरकार के निर्देश पर तीनों खरीद केंद्रों पर व्यवस्थाएं सुचारू है।
फोटो परिचय-बामनवास. सरकारी खरीद केंद्र पर किसानों के इंतजार में बैठे केवीएसएस कार्मिक।
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