ज्ञापन में बताया कि राज्य सरकार 13 फरवरी 2019 को सरकार एवं गुर्जर समुदाय के मध्य हुए समझौते की पालना नहीं कर रही है। करीबन 11 प्रक्रियाधीन भर्तियों में बैकलॉग एवं 5 प्रतिशत आरक्षण का लाभ गुर्जर समाज को नहीं दे रही है। इससे छात्र-छात्राएं सरकारी नौकरी से वंचित हो रहे हैं। साथ ही आरक्षण आंदोलन में निर्दोष लोगों पर लगे मुकदमों में से महज तीन केस वापस लिए हैं, जो समाज के साथ अन्याय है।
सरकार मुस्लिम समुदाय की कई जातियों को एमबीसी वर्ग में शामिल कराने के लिए सर्वे करा रही है। शीघ्र ही सर्वे को रोककर गुर्जर आरक्षण में किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ नहीं की जाए। युवाओं ने सकारात्मक कार्रवाई नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी दी है। ज्ञापन के दौरान युवा गुर्जर महासभा के प्रदेश उपाध्यक्ष दर्शन सिंह गुर्जर, चेतन पटेल, निहाल सिंह, मनराज गुर्जर, वीरू डोई, गोपाल रैकवाल, विकास, रवि गुर्जर, राजेश खटाना, राजेश बैंसला, मुरारी गुर्जर, बने सिंह, मोनू कसाना, विष्णु महेश एवं रामवीर आदि मौजूद रहे।