फौजी जाटव शुक्रवार रात दस बजे अपने खेतों पर पत्नी निरमा व बेटे योगेश के साथ फसलों की रखवाली करने गया था। इस दौरान खेत में बने मांड (मचान) पर फौजी जाटव और उसका 8 वर्षीय पुत्र योगेश जाटव सो रहे थे। वहीं पास ही बने दूसरे मांडे पर फौजी की पत्नी निरमा सो रही थी। इस दौरान एक नाग और नागिन का जोड़ा मचान पर चढ़ गया। इस दौरान पिता के पास सो रहे योगेश जाटव के कान पर डस लिया। सांप के काटते ही बच्चा जोर से चिल्लाया। उसकी आवाज सुनकर फौजी की पत्नी निरमा बच्चे के पास पहुचीं और सांप को सांप को उठाकर फैंका। वह फौजी के पैरों में जाकर गिरा। सांप ने फौजी जाटव के पैर में जा गिरा। सांप ने फौजी को भी काट लिया।
सांप के काटने के निशान आए नजर
बच्चें को पीड़ा में देख फौजी को सांप के काटने का अहसास नहीं हुआ। इसके बाद परिजन आनन-फानने में नजदीक ही एक थान पर झाड़ फूंक के लिए ले गए। लेकिन बच्चे की मौत हो गई। सुबह परिजन ने बच्चे का अंतिम संस्कार कर दिया। उधर, घर आने के बाद फौजी को पैर में दर्द होने पर देखा तो पैर में सांप के काटने के निशान नजर आए। इसके बाद परिजन उसे भी देव स्थान पर लेकर गए। यहां 10 से 12 घण्टों तक झाड़ फूंक चलता रहा। इस बीच उसकी हालत लगातार बिगड़ती गई। ज्यादा बिगड़ने पर परिजन फौजी जाटव को सवाईमाधोपुर जिला अस्पताल उपचार के लिए रैफर कर दिया। लेकिन रास्ते में ही उसने ने दम तोड़ दिया। शनिवार सुबह पुलिस की मौजूदगी में मृतक फौजी जाटव के शव का पोस्टमार्टम जिला अस्पताल में कराया। पुलिस ने तहरीर लेकर शव परिजनों को सुपुर्द कर दिया।
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दो मौत से गांव में मचा कोहराम
मृतक फौजी और उसके बेटे की मौत से पूरा डांगरवाड़ा गांव गमगीन माहौल में डूब गया। मृतक के मोहल्ले के घरों में दो दिन से चूल्हे नहीं जले है। मृतक की पत्नी निरमा का रो-रोकर बुरा हाल है। पत्नी निरमा के अनुसार मचान पर सो रहे उसके पति और बेटे के पास नाग और नागिन का जोड़ा मौजूद था। उसने सांप को पकड़कर मचान के नीचे फैंने का प्रयास किया। सांप बच्चे के पास सो रहे उसके पति के पैरों में जा गिर गया। उसने मृतक फौजी जाटव को पैर में काट लिया। उसके बाद फौजी जाटव को दूसरा सांप मचान से उतरता हुआ नजर आया। उसने पहले नीचे उतरकर भाग रहे सांप को डंडे से मारा। वहीं दूसरे मचान पर बिस्तरों में बैठे सांप को मारा। इसके बाद बच्चे को इलाज के लिए लेकर देव स्थान पर पहुुंचे लेकिन बच्चे ने रास्ते में ही दम तोड़ दिया।
डांगरवाड़ा में अंधविश्वास ही फौजी यादव की मौत का कारण बन गया। बेटे की मौत के बाद सांप का जहर निकालने के लिए परिजन भी उनको नजदीक देवस्थान पर ले गया। यहां करीब दस से 12 घंटे का समय लग गया। हालांकि लोगों का मानना है कि यदि फौजी को देवस्थान पर ले जाने की बजाय अस्पताल पहुंचाय होता तो समय पर उपचार मिलने से जान बच सकती थी।
इनका कहना है
डांगरवाड़ा गांव में खेत पर सांप के काटने से पहले बच्चे की व बाद में पिता की मौत हुई है। घटना पोस्टमार्टम करवाकर शव परिजनों को सुपुर्द कर दिया है। परिजनों ने मृग दर्ज कराई है।
जगदीश, प्रभारी, लहसोड़ा चौकी