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कार्मिकों का टोटा, लडख़ड़ा रही कामकाज की चाल

locationसवाई माधोपुरPublished: Dec 09, 2019 01:36:11 am

Submitted by:

Arun verma

अतिरिक्त चार्ज से बढ़ रहा बोझ

कार्मिकों का टोटा, लडख़ड़ा रही कामकाज की चाल

भीमसिंह चौधरी

गंगापुरसिटी. सरकार की ओर से हमेशा किसानों की हित की बात कही जाती है। इसके बाद भी यहां खेती और किसानों से जुड़े कृषि विभाग कार्यालय कार्मिकों की तंगी झेल रहा है। कार्मिकों की कमी से न केवल विभागीय कर्मचारी, बल्कि किसान भी प्रभावित हो रहे हैं। कार्मिकों के टोटे के चलते कामकाज की रफ्तार लडखड़़ाती नजर आ रही है।
सहायक निदेशक कृषि के अधीन कृषि पर्यवेक्षकों के काफी पद रिक्त चल रहे हैं। इसके अलावा कृषि अधिकारी व सहायक कृषि अधिकारी के पद भी रिक्त होने से कामकाज प्रभावित हो रहा है। गंगापुरसिटी व वजीरपुर क्षेत्र में कृषि पर्यवेक्षकों के अधिकांश पद रिक्त हैं। गंगापुरसिटी पूर्व व पश्चिम में 16 पदों में से 9 ही कार्यरत हैं।
वजीरपुर क्षेत्र में तो स्थिति और भी खराब है। वजीरपुर व पीलोदा के कई मुख्यालयों का भार एक ही कृषि पर्यवेक्षक पर है। इससे अतिरिक्त कार्यभार से जहां कार्मिकों पर अतिरिक्त बोझ है तो किसानों को समय पर विभागीय योजनाओं की जानकारी नहीं मिल पा रही। कृषि की उन्नत तकनीक, फसल में रोग एवं फसल बीमा आदि योजनाओं के बारे में समय पर जानकारी नहीं मिल पाती है।
सत्यापन में होती है देरी
विभाग की ओर से कई अनुदान योजनाएं संचालित हैं। कार्मिकों की कमी से समय पर भौतिक सत्यापन व जियो टेगिग नहीं हो पाती है। सूत्रों के अनुसार विभाग की ओर से फॉर्म पौण्ड की 286 पत्रावली स्वीकृत की गई थी। इसकी तुलना में 150 फॉर्म पौण्ड खोदे जा चुके हैं, लेकिन अभी तक 85 का ही सत्यापन हो पाया है। पाइप लाइन एवं फव्वारा सयंत्र का भी मौके पर पहुंच कर सत्यापन करना होता है, लेकिन अतिरिक्त कार्यभार के चलते कार्मिक समय पर सत्यापन नहीं कर पाते हैं। इससे किसानों को अनुदान मिलने में देरी होती है।
निगरानी भी प्रभावित
कार्मिकों की कमी से आदान वितरण व्यवस्था की निगरानी भी प्रभावित होती है। इसके चलते दुकानदारों के द्वारा खाद के अधिक दाम लिए जाने की शिकायत सामने आती रहती हैं। हालांकि विभागीय अधिकारियों की ओर से खाद विके्रताओं के यहां कभी कभार निरीक्षण किया जाता है। दूसरी ओर किसान जानकारी के अभाव में ब्रांड विशेष यूरिया की मांग करते हैं, जबकि विभागीय अधिकारियों का कहना है कि सभी यूरिया की गुणवत्ता समान होती है। ऐसे में ब्रांड विशेष यूरिया की मांग से कालाबाजारी की आशंका रहती है।
होती है परेशानी
वजीरपुर में कृषि कार्यालय पहुंचने पर कई बार कार्मिक नहीं मिलते हैं। इससे सरकारी योजनाओं की जानकारी नहीं मिल पाती है। इसके चलते परेशानी होती है।
भीमसिंह चौधरी, वजीरपुर।
पड़ता है असर
कृषि पर्यवेक्षक सहित अन्य पद रिक्त होने के कारण विभाग के कामकाज पर असर पड़ता है। रिक्त पदों के सम्बन्ध में उच्चाधिकारियों को सूचना दी जाती है।
गोपाल शर्मा, कृषि अधिकारी गंगापुरसिटी।

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