अनाथ हुए बच्चों का सहारा बनेगी राज्य सरकार
सवाई माधोपुरPublished: Jun 12, 2021 08:09:24 pm
अनाथ हुए बच्चों का सहारा बनेगी राज्य सरकार
सवाईमाधोपुर के समीप जीनापुर में बच्चो से संवाद करते जिला कलक्टर।
सवाईमाधोपुर. अब राज्य सरकार अनाथ बच्चो का सहारा बनेगी। मुख्यमंत्री कोरोना बाल कल्याण योजना में एक लाख रुपए मिलेंगे। 18 साल की उम्र तक ढाई हजार रुपए प्रतिमाह एवं 18 वर्ष की आयु पूरी होने पर 5 लाख रुपए मिलेंगे।
कोरोना के कारण माता-पिता दोनों को या एकल जीवित माता या पिता को खोने वाले बेसहारा बच्चों को मुख्यमंत्री कोरोना बाल कल्याण योजना के तहत तत्काल सहायता के रूप में एक लाख रुपए का एकमुश्त अनुदान तथा 18 वर्ष पूरे होने तक ढाई हजार रुपए की राशि प्रतिमाह दी जाएगी। अनाथ बालक-बालिका के 18 वर्ष की उम्र होने पर उसे 5 लाख रुपए एकमुश्त सहायता दी जाएगी। ऐसे बच्चों को 12वीं कक्षा तक पढ़ाई की सुविधा आवासीय विद्यालय या छात्रावास के माध्यम से नि:शुल्क उपलब्ध कराई जाएगी। कोविड. 19 महामारी के कारण बेसहारा हुई कॉलेज में अध्ययनरत छात्राओं को सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा संचालित छात्रावासों में प्राथमिकता के आधार पर प्रवेश दिया जाएगा। कॉलेज में पढऩे वाले बेसहारा छात्रों को अंबेडकर डीबीटी वाउचर योजना का लाभ मिलेगा।
निराश्रित युवाओं को बरोजगारी भत्ता
कोविड महामारी से प्रभावित निराश्रित युवाओं को मुख्यमंत्री युवा संबल योजना के तहत बेरोजगारी भत्ता दिए जाने में प्राथमिकता दी जाएगी। इस महामारी के कारण अपने पति को खो चुकी विधवा महिलाओं को भी राज्य सरकार से एकमुश्त एक लाख रुपए की सहायता अनुदान के रूप में दी जाएगी। साथ ही ऐसी विधवाओं को प्रतिमाह डेढ़ हजार रुपए विधवा पेंशन दी जाएगी। बच्चों को निर्वाह के लिए एक हजार रुपए प्रतिमाह तथा स्कूल ड्रेस एवं किताबों के लिए दो हजार रुपए सालाना प्रति बच्चा दिया जाएगा।
जीनापुर में अनाथ बच्चो से मिले कलक्टर
जिला कलक्टर राजेन्द्र किशन ने शनिवार को जीनापुर में कोरोना काल में अनाथ हुए दो बच्चों के घर पहुंचकर उन्हें ढांढस बंधाया। बच्चों के साथ संवाद करते हुए उनकी पढ़ाई, घर खर्च के सम्बंध में सरकार की ओर से दी जाने वाली सहायता के बारे में बताया। उन्होंने सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग तथा अन्य विभागों के अधिकारियों को भी ऐसे सभी बालकों को योजनाओं से लाभान्वित करने के निर्देश दिए।
जिले में 13 बच्चे हुए अनाथ
कलक्टर ने बताया कि जिले में कोरोना संक्रमण की अवधि में 13 बच्चे अनाथ हुए है। इसी प्रकार 25 बच्चे ऐसे हैं जिन्होंने माता-पिता में से किसी एक को खोया है। कलक्टर ने बाल श्रम निषेध दिवस के अवसर पर शनिवार को सभी अधिकारियों, संबंधित अधिकारियों को जिले में अपने निकटतम स्थित इन बच्चों के घर जाकर संपर्क करने तथा उनके दुख को बांटने की कोशिश करने के निर्देश दिए है। इस मौके पर एसडीएम कपिल शर्मा, सहायक निदेशक सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता सुनील गर्ग, बाल अधिकारिता श्रद्धा गौत्तम भी मौजूद थे। इसी प्रकार उपखंड अधिकारी सवाई माधोपुर कपिल शर्मा, उपखंड अधिकारी गंगापुर अनिल चौधरी व तहसीलदार ज्ञानचंद जैमन, मलारना डूंगर उपखंड अधिकारी ने जौलंदा, बौंली एसडीएम ने बौंली में तथा अन्य उपखंड के अधिकारियों ने भी ऐसे बालकों के पास पहुंचकर उन्हें सांत्वना प्रदान कर ढांढस बंधाया।