रेलवे प्रशासन यूं तो स्टेशन की सफाई सहित अन्य यात्री सुविधाओं में इजाफा करने को प्रतिबद्ध नजर आ रहा है, लेकिन सुरक्षा पर कोताही साफ नजर आती है। स्टेशन पर चेन एवं मोबाइल स्नेचिंग आम हो चुके हैं। इन पर लगाम लगाने के लिए सभी जगह नफरी का टोटा रहता है।
करीब 90 अपराध प्रतिवर्ष
जीआरपी सूत्रों का कहना है कि स्टेशन पर हर वर्ष करीब 85-90 अपराध चोरी आदि के होते हैं। इनमें मुख्य रूप से चेन एवं मोबाइल छीनकर ले जाने आदि के हैं। कई बार मैला लगाकर नकदी या अन्य कीमती सामान पार कर ले जाने की घटनाएं भी सामने आती हैं। जीआरपी का कहना है कि यदि स्टेशन पर सीसीटीवी कैमरे लगे हों तो ऐसे अपराधों को रोकना आसान होगा। खास बात यह है कि स्टेशन पर होने वाले अपराधों में से सुबूत के अभाव में महज 20 प्रतिशत का ही खुलासा हो पाता है। बाकी में पुलिस एफआर पेश करती है। यदि सीसीटीवी कैमरे लग जाएं तो अपराधों के खुलासा होने का आंकड़ा बढ़ सकता है।
यह बोले यात्री
स्टेशन पर सीसीटीवी कैमरे होना बहुत जरूरी हैं। इनसे अपराध रोकने में काफी मदद मिलेगी। स्टेशन से यात्रियों का सामान आदि चोरी होने की घटनाएं होती रहती हैं, जिनका खुलासा नहीं हो पाता। कैमरे लगने से ऐसे अपराधी आसानी से पकड़ में आ सकेंगे।
– आशीष चौरसिया, यात्री
कैमरे के डर से अपराधी जल्दी से अपराध को अंजाम नहीं दे पाते हैं। ऐसे में यात्री सुरक्षित रहते हैं। यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए स्टेशन पर कैमरे अनिवार्य रूप से लगने चाहिए। कैमरों से कई बार अपराधियों को पकडऩे में मदद मिल जाती है।
– गौतम प्रसाद, यात्री
इन अपराधों पर लग सकता है अंकुश
– चेन-मोबाइल की चोरी
– यात्रियों से मारपीट
– महिलाओं से छेड़छाड़
– मैला लगाकर राशि का अन्य कीमती सामान ले जाने
– संदिग्धों पर नजर रखने।
इनका कहना है
सुरक्षा के लिहाज से सीसीटीवी कैमरों की जरूरत है। इसके लिए उच्चाधिकारियों को प्रस्ताव भेजा है।
– सी.एल. मीना, स्टेशन अधीक्षक गंगापुरसिटी
इनका कहना
स्टेशन पर कैमरे लगने से काफी सहूलियत होगी। अपराधियों में पकड़े जाने का डर रहेगा तो वह अपराध करने से हिचकेंगे। अन्य अपराधों का खुलासा करने में भी कैमरों से काफी मदद मिलेगी।
-जगदीश मीना, कार्यवाहक प्रभारी जीआरपी