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पोस मशीन में तकनीकी खराबी, किसानों को नहीं मिल सकी खाद

locationसवाई माधोपुरPublished: Nov 30, 2021 11:25:46 am

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पोस मशीन में तकनीकी खराबी, किसानों को नहीं मिल सकी खाद

पोस मशीन में तकनीकी खराबी, किसानों को नहीं मिल सकी खाद

सवाईमाधोपुर.जिले के खण्डार स्थित बालेर रोड पर खाद लेने के लिए महिला-पुरूषों की लगी भीड़।

सवाईमाधोपुर. जिले में खाद की किल्लत झेल रहे किसानों को कोई राहत नहीं है। जिले में यूरिया खाद आने व ग्राम सेवा सहकारी समितियों में पहुंचने के बाद भी किसानों को नहीं मिल पा रहा है। अधिकतर सहकारी समितियों में पोस मशीनों में तकनीकी खामियां आने से स्टॉक की एंट्री नहीं होने से जिले के किसान खाद से वंचित है। उधर, जिले में करीब एक पांच दिन बाद तकनीकी खराबियों को दुरूस्त कर सोमवार को कई ग्राम सेवा सहकारी समितियों में यूरिया का वितरण किया गया। लेकिन इनमें से कई सोसायटियों में पोस मशीनों में एंट्री नहीं होने से खाद का वितरण नहीं हो सका।
जानकारी के अनुसार जिले में करीब एक सप्ताह पहले यूरिया खाद की दूसरी रैक सवाईमाधोपुर रेलवे स्टेशन पर पहुंची थी लेकिन कई सोसायटियों में खाद के पहुंचने के बाद पोस मशीनों में खाद की एंट्री नहीं हो पाई है। जिले में 118 सहकारी समितियां हैं। इनमें से 107 सहकारी समितियों में पोस मशीन उपलब्ध है। ऐसे में इन पोस मशीनों में तकनीकी खामियां आने से खाद का वितरण नहीं हो सका।
कतारों से नहीं मिल रही राहत
जिले में यूरिया खाद की समस्या बनी है। हालांकि अब तक दो रैक खाद की आ चुकी है लेकिन ये भी अपर्याप्त है। सभी जगह से किसानों को खाद उपलब्ध कराई जा रही है। लेकिन इसके बाद भी दुकानों पर खाद के लिए किसानों की कतार कम होने का नाम नहीं ले रही है। उधर, पोस मशीन में अंगूठा लगाने के बाद किसान की पुष्टि होती है और उसी क्रम में किसानों को खाद दी जाती है। ऐसे में खाद की कालाबाजारी रुकेगी और अनावश्यक खाद का उपयोग भी कम होगा।
नेटवर्क की आती है समस्या
जिले में कुछ सहकारी समितियां ग्रामीण अंचल में हैं। यहां पर अक्सर नेटवर्क की समस्या रहती है। इस कारण खाद वितरण में सर्वाधिक दिक्कत दूरदराज के क्षेत्रों में आ रही है। जैसे ही नेटवर्क गायब होता है, पोस मशीन काम करना बंद कर देती है और समितियां भी खाद बांटने का काम रोक देती हैं। इससे किसानों का धैर्य जवाब दे जाता है और वे हंगामा करने लगते हैं, जबकि दूसरी जगह के किसानों को लगता है कि खाद की कमी के कारण यह दिक्कत हो रही है। गत दिना पोस मशीनों के साफ्टवेयर में दिक्कत आ गई। इससे खाद वितरण का काम प्रभावित रहा।
18 हजार हैक्टेयर में बुवाई बाकी
जिले में डीएपी की तंगी के किसानों को परेशानी झेलनी पड़ रही है। अब तक लक्ष्य की तुलना में 2 लाख 82 हजार हैक्टेयर में रबी की बुवाई हो गई है लेकिन अभी भी 18 हजार हैक्टेयर क्षेत्र में बुवाई होनी है। इसमें भी सरसों की बुवाई का आंकड़ा अधिक है। जानकारी के अनुसार एक महीने पहले 2600 मीट्रिक टन डीएपी मालगाड़ी से सवाईमाधोपुर रेलवे स्टेशन पहुंचा था। इसमें जिले को लगभग 1200 मीट्रिक टन मिला था, जबकि शेष खाद पड़ौसी जिले को आंवटित किया।

फैक्ट फाइल
-जिले में कुल सहकारी समितियां कितनी है-118
– ग्राम सेवा सहकारी समितियों में पोस मशीने-107
– जिले में कितना मीट्रिक टन खाद आया है-2650
– जिले में खाद वितरण का लक्ष्य-18 हजार मीट्रिक टन
-जिले में बुवाई का लक्ष्य-3 लाख हैक्टेयर
– अब तक हुई बुवाई-2 लाख 82 हजार
-18 हजार हैक्टेयर क्षेत्र में रबी की बुवाई बकाया।
-23 अक्टूबर को सवाईमाधोपुर रेलवे स्टेशन पर पहुंची थी डीएपी की पहली रैक।
-2600 मीट्रिक टन आया था डीएपी।
-1200 मीट्रिक टन डीएपी उपलब्ध हुआ था सवाईमाधोपुर जिले को।
– गत दिनों 2650 मीट्रिक टन की आई थी दूसरी रैक।
इनका कहना है
जिले में गत दिनों 2650 मीट्रिक टन यूरिया आया था लेकिन पोस मशीनों में तकनीकी खराबियां आने से स्टॉक की एंट्री नहीं हो रही थी। जहां भी पोस मशीनों में खराबी आ रही है, उनको दुरूस्त कराने के निर्देश दिए है। सोमवार को कई पोस मशीनों को दुरूस्त करवाकर खाद का वितरण किया गया।
केदारलाल मीणा, प्रबंधक निदेशक, केन्द्रीय सहकारी बैंक लिमिटेड, सवाईमाधोपुर
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