क्षेत्रीय केन्द्रों पर हाथों हाथ मिलती है पाठ्य सामग्री
वर्धमान महावीर खुला विश्व विद्यालय व इग्नू के क्षेत्रीय केन्द्रों पर विश्व विद्यालय की ओर से संचालित किए जा रहे विभिन्न पाठ्यक्रमों में प्रवेश लेने पर विद्यार्थियों को प्रवेश के साथ ही अध्ययन सामग्री उपलब्ध करा दी जाती है लेकिन अन्य अध्ययन केन्द्रों से आवेदन करने पर विद्यार्थियों को पाठ्य सामग्री के लिए लम्बा इंतजार करना पड़ रहा है ऐसे में विद्यार्थियों को परेशानी हो रही है।
वर्धमान महावीर खुला विश्व विद्यालय व इग्नू के क्षेत्रीय केन्द्रों पर विश्व विद्यालय की ओर से संचालित किए जा रहे विभिन्न पाठ्यक्रमों में प्रवेश लेने पर विद्यार्थियों को प्रवेश के साथ ही अध्ययन सामग्री उपलब्ध करा दी जाती है लेकिन अन्य अध्ययन केन्द्रों से आवेदन करने पर विद्यार्थियों को पाठ्य सामग्री के लिए लम्बा इंतजार करना पड़ रहा है ऐसे में विद्यार्थियों को परेशानी हो रही है।
प्रदेश भर में २७५ अध्ययन केन्द्र
वर्धमान महावीर खुला विश्व विद्यालय के प्रदेश भर में २७५ अध्ययन केन्द्र संचालित है। इनमें से जिले में छह अध्ययन केन्द्र संचालित है इनमें से दो जंगापुर सिटी में संचालित है। अध्ययन केन्द्रों को भी सामान्य अध्ययन केन्द्र, कार्यक्रम अध्ययन केन्द्र व विशेष अध्ययन केन्द्र आदि श्रेणियों में बांटा गया है। इसके अतिरिक्त प्रदेश भर में वर्धनाम खुला विश्व विद्यालय के कोटा, जयपुर, उदयपुर, अजमेर, बीकानेर व जोधपुर में छह क्षेत्रीय केन्द्र भी संचालित है।
वर्धमान महावीर खुला विश्व विद्यालय के प्रदेश भर में २७५ अध्ययन केन्द्र संचालित है। इनमें से जिले में छह अध्ययन केन्द्र संचालित है इनमें से दो जंगापुर सिटी में संचालित है। अध्ययन केन्द्रों को भी सामान्य अध्ययन केन्द्र, कार्यक्रम अध्ययन केन्द्र व विशेष अध्ययन केन्द्र आदि श्रेणियों में बांटा गया है। इसके अतिरिक्त प्रदेश भर में वर्धनाम खुला विश्व विद्यालय के कोटा, जयपुर, उदयपुर, अजमेर, बीकानेर व जोधपुर में छह क्षेत्रीय केन्द्र भी संचालित है।
हजार विद्यार्थी लेते हैं प्रवेश
वर्धमान खुला विश्व विद्यालय की ओर से संचालित विभिन्न पाठ्यक्रमों के लिए साल में दो बार आवेदन मांगें जाते हैं। दोनों बार को मिलाकर जिले से करीब एक हजार से अधिक विद्यार्थी प्रवेश लेते हैं। वहीं इग्नू विश्व विद्यालय में यह आंकड़ा काफी कम है। हर साल जिले से महज अस्सी से सौ के बीस में ही विद्यार्थी इग्नू के पाठ्यक्रमों मेें प्रवेश ले रहे हैं। इस बार भी शहीद कैप्टन रिपुदमन सिंह राजकीय महाविद्यालय में संचालित इग्नू के अध्ययन केन्द्र में महज १०४ विद्यार्थियों ने ही प्रवेश लिया है।
वर्धमान खुला विश्व विद्यालय की ओर से संचालित विभिन्न पाठ्यक्रमों के लिए साल में दो बार आवेदन मांगें जाते हैं। दोनों बार को मिलाकर जिले से करीब एक हजार से अधिक विद्यार्थी प्रवेश लेते हैं। वहीं इग्नू विश्व विद्यालय में यह आंकड़ा काफी कम है। हर साल जिले से महज अस्सी से सौ के बीस में ही विद्यार्थी इग्नू के पाठ्यक्रमों मेें प्रवेश ले रहे हैं। इस बार भी शहीद कैप्टन रिपुदमन सिंह राजकीय महाविद्यालय में संचालित इग्नू के अध्ययन केन्द्र में महज १०४ विद्यार्थियों ने ही प्रवेश लिया है।
इसलिए नहीं पहुंच पा रही पाठ्य सामग्री
इग्नू व वर्धमान महावीर खुला विश्व विद्यालय के नियमानुसार विश्व विद्यालय द्वारा संचालित पाठ्यक्रमों में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों के घर के पते पर डाक द्वारा पाठ्य सामग्री भेजी जाती है। जबकि डाक विभाग में कई बार साधारण डाक समय पर नहीं पहुंच पा रही है ऐसे में विद्यार्थियों को समय पर पाठ्य सामग्री व किताबें उपलब्ध नहीं हो पा रही हैं। साथ ही पुस्तकों की छपाई के स्थान में भी बदलाव कर दिया गया है।
इग्नू व वर्धमान महावीर खुला विश्व विद्यालय के नियमानुसार विश्व विद्यालय द्वारा संचालित पाठ्यक्रमों में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों के घर के पते पर डाक द्वारा पाठ्य सामग्री भेजी जाती है। जबकि डाक विभाग में कई बार साधारण डाक समय पर नहीं पहुंच पा रही है ऐसे में विद्यार्थियों को समय पर पाठ्य सामग्री व किताबें उपलब्ध नहीं हो पा रही हैं। साथ ही पुस्तकों की छपाई के स्थान में भी बदलाव कर दिया गया है।
इनका कहना है…
क्षेत्रीय केन्द्रों पर तो विद्यार्थियों को प्रवेश के साथ ही पाठ्य सामग्री दे दी जाती है।बाद में विद्यार्थियों के घरों पर पुस्तके पहुंचाई जाती है इसमें कई बार समय लग जाता है।
– दिनेश शर्मा, प्रभारी इग्नू पीजी कॉलेज, सवाईमाधोपुर।
क्षेत्रीय केन्द्रों पर तो विद्यार्थियों को प्रवेश के साथ ही पाठ्य सामग्री दे दी जाती है।बाद में विद्यार्थियों के घरों पर पुस्तके पहुंचाई जाती है इसमें कई बार समय लग जाता है।
– दिनेश शर्मा, प्रभारी इग्नू पीजी कॉलेज, सवाईमाधोपुर।
इस बार ही हुई है समस्या…
विश्व विद्यालय की ओर हर बार समय पर ही किताबें उपलब्ध कराई जाती है। इस बार विश्व विद्यालय द्वारा पाठ्य सामग्री छपाई के लिए प्रेस में बदलाव किया है इसके चलते पाठ्य सामग्री पहुंचने में देरी हो रही है।
– भगत सिंह, प्रभरी वर्धमान महावीर खुला विश्व विद्यालय अध्ययन केन्द्र,पीजी कॉलेज, सवाईमाधोपुर।
विश्व विद्यालय की ओर हर बार समय पर ही किताबें उपलब्ध कराई जाती है। इस बार विश्व विद्यालय द्वारा पाठ्य सामग्री छपाई के लिए प्रेस में बदलाव किया है इसके चलते पाठ्य सामग्री पहुंचने में देरी हो रही है।
– भगत सिंह, प्रभरी वर्धमान महावीर खुला विश्व विद्यालय अध्ययन केन्द्र,पीजी कॉलेज, सवाईमाधोपुर।