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VIDEO बाघ पर पत्थर फैंकने का मामला: वन अधिनियम में सजा का प्रावधान वन अधिकारियों ने महज जुर्माना लगाकर मामले को किया रफा- दफा

locationसवाई माधोपुरPublished: Apr 25, 2019 11:20:59 am

Submitted by:

rakesh verma

थोथी कार्रवाई कर दिखावा कर रहा विभाग बाघ साइटिंग के लिए पत्थर मारने पर पीसीसीएफ ने मांगी रिपोर्ट पार्क भ्रमण के दौरान बाघ पर पत्थर फैंककर बाघ को जगाने का किया था प्रयास

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सवाईमाधोपुर. रणथम्भौर राष्ट्रीय उद्यान मेंं मंगलवार को पार्क भ्रमण के दौरान बाघ साइटिंग के लिए गाइड द्वारा पत्थर फैेंकने के मामले में वन विभाग थोथी कार्रवाई कर बचता नजर आ रहा है। नियमोंं के अनुसार मामले में विभाग की ओर से दोषीगाइड व पर्यटक की गिरफ्तारी की जानी थी। लेकिन विभाग के अधिकारियों ने महज पर्यटक व गाइड पर जुर्माना लगाकर व पर्यटक की आगामी सफारी बुकिंग को निरस्त करके ही इतिश्री कर दी। हालांकि अब इस संबंध में मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक अरिदंम तोमर ने रणथम्भौर के अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी हैं। वन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार एक दो दिन में वन अधिकारी उच्च अधिकारियों को इस संबंध मेें रिपोर्ट पेश करेंगे।
यह है नियम
वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 की धारा 51 के वन ग में कोई व्यक्ति जो व्याघ्र आरक्षिति के आंतरिक क्षेत्र के संबंध में अपराध करता है या जहां अपराध किसी व्याघ्र आरक्षिति में आखेट या व्याघ्र आरक्षिति की सीमाओ में परिवर्तन करने से संबंधित है वहां प्रथम बार ऐसा अपराध सिद्ध होने पर दोषी के खिलाफ कम से कम तीन वर्ष के कारावास जो कि सात साल तक बढ़ाया जा सकता है का प्रावधान है। साथ ही कम से कम 50 हजार और अधिकतम 2 लाख के जुर्माने का प्रावधान है। वहीं यदि उक्त व्यक्ति के खिलाफ दुबारा ऐसा ही अपराध सिद्ध होता है तो कम से कम सात वर्ष का कारावास व पांच लाख के जुर्माने की सजा का प्रावधान है।
विभाग ने नहीं की गिरफ्तारी
घटना के उजागर होने के बाद वन अधिकारियों ने उक्त पर्यटक पटना निवासी मृत्युंज्य तिवाडी व गाइड मोहम्मद इस्लाम को पार्क से बहार तो निकाल दिया। वहीं विभाग की ओर से पर्यटक व गाइड पर 51 हजार का जुर्माना लगाकर गाइड को प्रतिबंधित किया गया साथ ही पर्यटक की आगामी सफारी को भी निरस्त किया था लेकिन विभाग की ओर से मामले में पर्यटक या दोषी गाइड की गिरफ्तारी नहीं की गई ना ही गाइड का प्राधिकार पत्र निरस्त किया गया। ऐसे में वन्यजीव प्रेमियों में आक्रोश है साथ ही विभाग की मंशा पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।
इनका कहना है…..
मामले में सजा तक का प्रावधान है लेकिन अभी केवल जुर्माना लगाया गया है। इस संबंध में स्थानीय अधिकारियों से रिपोर्ट मंगवाई है। रिपोर्ट मिलने के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।
– अरिदंम तोमर, पीसीसीएफ , जयपुर।

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