फोटो में रणथम्भौर बाघ परियोजना के मुख्य वन संरक्षक (सीसीएफ) का पुत्र जंगल में सरकारी वाहन में बाघ शावक के बिल्कुल नजदीक वाहन का गेट खोलकर बैठे नजर आ रहे हैं। जानकारी अनुसार फोटो कुछ दिन पहले जोन चार में लिया गया है। जब सीसीएफ के पुत्र के एरोहेड के शावक के बिल्कुल नजदीक वाहन खड़ा कर दिया। इतना ही नहीं वह वाहन की ड्राइवर सीट पर बैठे हैं। वहीं वाहन का गेट खोलकर एवं पैर गेट की तरफ करके वह बाघिन के शावक को निहारते नजर आए।
ये है नियम
जानकारी के अनुसार पार्क भ्रमण के दौरान पर्यटन वाहनों के निर्धारित ट्रैक से नीचे उतरने पर पाबंदी है। इसके अलावा साइटिंग के दौरान वाहनों को बाघ बाघिन से कम से कम 30 मीटर की दूरी रखना अनिवार्य होता है लेकिन फोटो में रणथम्भौर के अधिकारी के पुत्र ही नियमों को दरकिनार बिल्कुल नजदीक ही वाहन खड़ा कर रखा है।
अधिकारी के पुत्र ने कैसे चलाया सरकारी वाहन
आमतौर पर रणथम्भौर में भ्रमण के लिए पर्यटकों को केवल जिप्सी या कैंटर से ही पार्क में प्रवेश दिया जाता है। सरकारी अधिकारी भी आम तौर पर जिप्सी से ही जंगल में मॉनिटरिंग के लिए जाते है। लेकिन नियमानुसार किसी भी अधिकारी का पुत्र सरकारी वाहन चलाकर पार्क भ्रमण पर नहीं जा सकता है।
इनका कहना है….
फोटो में बाघिन दूर है, वहां वन अधिकारी भी मौके पर थे। दीवार के पीछे रास्ता ब्लॉक होने से बाघिन को निकालने के लिए वन अधिकारियों ने वाहनों को हटवाया था। वाहन और बाघिन के बीच काफी फासला था।
– मनोज पाराशर, सीसीएफ, रणथम्भौर बाघ परियोजना, सवाईमाधोपुर।