पूर्व में भी हो चुकी है ऐसी घटना
रेलवे टे्रक पर बीच मार्ग में मालगाड़ी के दो हिस्सों में बटने का यह पहला मामला नहीं है। गत वर्ष भी कोटा रेलमार्ग पर गेंहू से भरी एक मालगाड़ी के कुछ डिब्बे बीच में ही छूट गए थे। टे्रन करीब पांच सौ मीटर आगे चली गई थी। इसके बाद टे्रन को पीछे लाकर डिब्बों को जोड़ा गया था।
गेहूं जा रहा था मालगाड़ी में
रेलवे अधिकारियों ने बताया कि मालगाड़ी में गेहंू जा रहा था, जो दिल्ली भेजा जाना था। मालगाड़ी में पार्टिंग होने की सूचना टै्रकमैन ने सीनियर सैक्शन इंजीनियर को दी। इसके बाद टे्रन को जोड़ा गया।
लूज कपलिंग की वजह से हुई घटना
ट्रेन के दो हिस्सों में बटने का कारण लूज कपलिंग माना जा रहा है। टे्रन की बोगी को आपस में जोडऩे का काम मैकेनिकल विभाग का होता है। वहीं ट्रेन या मालगाड़ी के रवाना होने से पूर्व ट्रेन की बोगी की कपलिंग की जांच की जिम्मेदारी चालक व गार्ड की होती है।
टे्रक रहा बाधित
मालगाड़ी के दो हिस्सों में बटने के कारण करीब आधे घंटे तक ट्रेक बाधित रहा। इसके चलते कई ट्रेनों को मखौली व रणथम्भौर स्टेशन पर ही रोक दिया गया। बाद में मालगाड़ी को जोड़कर रवाना किया गया। इसके बाद ट्रेक सुचारू हो सका।
रणथम्भौर के पास एक मालगाड़ी की पार्टिंग हो गई थी। सूचना पर मालगाड़ी की दुबारा कपलिंग करवाकर रवाना किया गया। टे्रन की कपलिंग का कार्य मैकैनिकल विभाग का है।
आरसी मीणा, सीनियर सैक्शन इंजीनियर, रेलपथ विभाग, सवाईमाधोपुर।