पीडि़ता की रिपोर्ट पर एसपी ने उसे मानव तस्करी विरोधी यूनिट के माध्यम से जिला बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश करवाकर अजमेर स्थित नारी निकेतन केन्द्र भिजवाया है। पहले बाल विवाह, फिर बेचा
पीडि़त नाबालिग ने एसपी को सौंपे ज्ञापन में बताया कि वह कक्षा दस में पढ़ रही है तथा उसका जन्म ५ मई २००१ को हुआ है। गत मई २०१६ में उसकी मर्जी के खिलाफ उसका बाल विवाह नारवा कलां निवासी युवक के साथ करवा दिया। नाबालिग ने बताया कि उसके ताऊ के लड़के ने उसका साथ दिया। जिससे नाराज उसकी मां व पति ने ताऊ के लड़के को फंसाने के लिए योजना बनाकर उन्हें पहले तो फेरी दिलाने के बहाने रामदेवरा लेकर गए और बाद में ११ सितम्बर को रामदेवरा थाने में दुष्कर्म का झूठा मामला दर्ज करवा दिया। जबकि उसके साथ ताऊ के लडऩे ने एेसा कुछ नहीं किया। २३ सितम्बर को सभी आरोपी उसे जैसलमेर कोर्ट में बयान दिलवाने के लिए लेकर गए। वापस आते समय रात करीब ११ बजे वे उसे ससुराल नारवा कलां ले गए।
तीन जनों ने बारी-बारी किया दुष्कर्म पीडि़ता ने बताया कि नारवा कलां में तीन जनों ने मां व पति की शह पर उसके साथ बारी-बारी दुष्कर्म किया। इसके बाद वे उसे लेकर माणकपुर आ गए और यहां भी उसके साथ कई बार दुष्कर्म किया। आरोपियों ने नाबालिग को बताया कि उसकी मां व पति ने उसे रुपए लेकर उन्हें बेच दिया है। पीडि़ता ने ज्ञापन में यह भी बताया है कि गत दिनों आरोपी इस प्रकार की योजना बना रहे थे कि उससे (पीडि़ता से) सुसाइड नोट लिखवाकर मार देंगे तथा उसके ताऊ के लड़के को फंसा देंगे।
समिति ने नारी निकेतन भेजा नाबालिग पीडि़ता ने एसपी से सुरक्षा की गुहार लगाई, जिस पर मानव तस्करी विरोधी यूनिट प्रभारी देवकरण ने उसे जिला बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश किया। समिति के अध्यक्ष हरिराम धौलिया व सदस्यों ने उसका साक्षात्कार लिया, जिसमें उसने पीहर व ससुराल पक्ष के पास जाने से इनकार कर दिया। इस पर समिति ने उसे अजमेर नारी निकेतन भेजने के आदेश दिए।