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बाघ ने युवक पर किया हमला, सर्दी से बचने के लिए ओढ़ी शॉल ने ऐसे बचा ली जान

locationसवाई माधोपुरPublished: Nov 20, 2019 02:21:15 pm

Submitted by:

dinesh

रणथम्भौर राष्ट्रीय उद्यान ( Ranthambore Tiger Reserve ) से निकलकर आए बाघों ने एक युवक पर हमला कर दिया। गनीमत रही कि युवक मौत के मुंह में जाने से बच गया। युवक के अनुसार घटना बहरावंडा खुर्द से गोठड़ा गांव के बीच की है, जहां पर रणथम्भौर राष्ट्रीय उद्यान से निकलकर बाहर सडक़ पर आए दो बाघों ने युवक पर झपट्टा मार दिया…

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सवाईमाधोपुर। रणथम्भौर राष्ट्रीय उद्यान ( Ranthambore Tiger Reserve ) से निकलकर आए बाघों ने एक युवक पर हमला कर दिया। गनीमत रही कि युवक मौत के मुंह में जाने से बच गया। युवक के अनुसार घटना बहरावंडा खुर्द से गोठड़ा गांव के बीच की है, जहां पर रणथम्भौर राष्ट्रीय उद्यान से निकलकर बाहर सडक़ पर आए दो बाघों ने युवक पर झपट्टा मार दिया।
सर्दी का मौसम होने से युवक ने शॉल ओढ़ रखा था। युवक ने सूझबूझ दिखाते हुए अपने पूरे शरीर पर शॉल ओढ़ लिया। लेकिन दोनों बाघ युवक पर हमला करने लग गए। शॉल ओढ़ लेने से युवक की जान बच गई, लेकिन बाघ यही नहीं रुके और वह शॉल को खींचकर जंगल में लेकर चले गए। घटना की सूचना पर मौके पर पहुंचे वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि युवक बद्रीलाल जाट बहरावंडा खुर्द से बाईक पर सवार होकर गोठड़ा गांव जा रहा था। इसी दौरान दो बाघों ने युवक पर हमला कर दिया। हालांकि यह बाघ कौनसे थे इसकी जांच की जा रही हैं। पगमार्क के आधार पर दोनों बाघों की पहचान में वन विभाग की टीम जुट गई हैं।
वहीं दूसरी ओर रणथम्भौर में वन विभाग के एक आदेश ने पर्यटन वाहनों की बिक्री को अर्स से फर्श पर लाकर पटक दिया है। पर्यटन वाहनों की खरीद-फरोख्त थम सी गई है। रणथम्भौर में पर्यटन वाहनों की संख्या पर्याप्त होने का हवाला देकर आगामी सत्र में नवीन पर्यटन वाहनों के पंजीयन पर रोक लगा दी गई है। इससे ट्यूरिज्म व्हीकल इंडस्ट्री पर विपरीत असर पड़ रहा है। रणथम्भौर में गत पर्यटन सत्र में वन विभाग ने एनटीसीए की गाइडलाइन का हवाला देकर पार्क भ्रमण पर जाने वाले वाहनों की संख्या निर्धारित कर दी थी। ऐसे में वर्तमान में रणथम्भौर में वर्तमान में प्रतिपारी अधिकतम 140 वाहन ही भ्रमण पर भेजे जा रहे है। ऐसे में प्रतिदिन महज 280 वाहन ही पार्क भ्रमण पर जाते है। इसके अतिरिक्त गत माह जयपुर में हुई बैठक में उच्च अधिकारियोंने वाहन मालिकों की मांग को देखते हुए उतराखण्ड की तर्ज पर रणथम्भौर में पर्यटन वाहनों की मॉडल कंडीशन को पांच से बढ़ाकरसात साल किया था। ऐसे में भी अब नए वाहनों का पंजीयन नहीं किया जा रहा है।
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