तहसील मुख्यालय पर स्थित सीएचसी चिकित्सा सुविधाओं का अभाव है। सोनोग्राफी के अलावा ब्लड सहित अन्य जांच यहां नहीं होती है। सबसे ज्यादा परेशानी गर्भवती महिलाओं को होती है। इसके लिए उन्हें जिला मुख्यालय जाना पड़ता है।
करनी पड़ रही जेब ढीली
जिला मुख्यालय व अन्य शहर आने-जाने व जांचे करवाने में 2 से ढाई हजार रुपए तक खर्च हो जाते हैं। गौरतलब है कि गर्भवती महिलाओं को दो से तीन बार सोनोग्राफी करवाना तो अनिवार्य है। ऐसे में सबसे अधिक आर्थिक भार भी उठाना पड़ता है।
जिला मुख्यालय व अन्य शहर आने-जाने व जांचे करवाने में 2 से ढाई हजार रुपए तक खर्च हो जाते हैं। गौरतलब है कि गर्भवती महिलाओं को दो से तीन बार सोनोग्राफी करवाना तो अनिवार्य है। ऐसे में सबसे अधिक आर्थिक भार भी उठाना पड़ता है।
सुविधा की मांग
कस्बावासी विष्णु नागर, शंकरलाल सैनी, अब्दुल वसीम आदि का कहना है कि तहसील क्षेत्र की आबादी करीब 1 लाख है। इसके बावजूद भी सीएचसी पर चिकित्सा सुविधाओं का अभाव है। वहीं इसको लेकर कई बार स्थानीय विधायक सहित चिकित्सा विभाग के उच्चधिकारियों को अवगत करा दिया गया, लेकिन आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिला है।
कस्बावासी विष्णु नागर, शंकरलाल सैनी, अब्दुल वसीम आदि का कहना है कि तहसील क्षेत्र की आबादी करीब 1 लाख है। इसके बावजूद भी सीएचसी पर चिकित्सा सुविधाओं का अभाव है। वहीं इसको लेकर कई बार स्थानीय विधायक सहित चिकित्सा विभाग के उच्चधिकारियों को अवगत करा दिया गया, लेकिन आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिला है।