20 वर्ष से चल रही ट्रोमा सेन्टर की मांग सीमा ज्ञान के फेर में अटकी
सवाई माधोपुरPublished: Nov 09, 2022 11:29:38 am
20 वर्ष से चल रही ट्रोमा सेन्टर की मांग सीमा ज्ञान के फेर में अटकी
ढाई वर्ष पहले की थी सीएम ने बजट घोषणा
6 महीने पहले जारी किए स्वीकृति आदेश , सवा साल पहले हो चुका है भूमि आवंटन
सवाईमाधोपुर जिले में मलारना डूंगर उपखण्ड अन्तर्गत कोटा-लालसोट मेगा हाइवे के बीच मलारना चौड़ में 20 वर्ष से की जा रही ट्रोमा सेन्टर निर्माण की मांग पर अमल फिलहाल आवंटित भूमि के सीमाज्ञान के कारण अटका हुआ है। इस देरी से मेगा हाइवे पर सडक़ हादसों में जख्मी सदस्यों को तत्काल उपचार की राहत नहीं मिल पा रही है।


20 वर्ष से चल रही ट्रोमा सेन्टर की मांग सीमा ज्ञान के फेर में अटकी
20 वर्ष से चल रही ट्रोमा सेन्टर की मांग सीमा ज्ञान के फेर में अटकी
ढाई वर्ष पहले की थी सीएम ने बजट घोषणा
6 महीने पहले जारी किए स्वीकृति आदेश , सवा साल पहले हो चुका है भूमि आवंटन
सवाईमाधोपुर जिले में मलारना डूंगर उपखण्ड अन्तर्गत कोटा-लालसोट मेगा हाइवे के बीच मलारना चौड़ में 20 वर्ष से की जा रही ट्रोमा सेन्टर निर्माण की मांग पर अमल फिलहाल आवंटित भूमि के सीमाज्ञान के कारण अटका हुआ है। इस देरी से मेगा हाइवे पर सडक़ हादसों में जख्मी सदस्यों को तत्काल उपचार की राहत नहीं मिल पा रही है।
ट्रोमा सेन्टर की मलारना चौड़ में स्वीकृति और फिर इसके भवन निर्माण के लिए भूमि आवंटन होने के बाद भी महज आवंटित भूमि के सीमाज्ञान के अभाव में ये कार्य शुरू नहीं हो सका है। चिकित्सा अधिकारियों का कहना है राजस्व विभाग के कार्मिक कभी पुलिस जाप्ता नहीं मिलने की तो कभी किसी और बहाने से सीमाज्ञान को टालते आ रहे हैं। हालांकि सरकार ने ट्रोमा सेन्टर के लिए 6 माह पहले चिकित्सक सहित नर्सेज स्टाफ के पद स्वीकृति के साथ ही ट्रॉमा सेंटर भवन निर्माण की स्वीकृति भी दे दी है। बिना भवन और उपचार सुविधाओं के इन सृजित पदों का कोई उपयोग नहीं हो पा रहा है। बल्कि अभी ये ट्रोमा सेन्टर संचालित भी नहीं हुआ है।