…तो नए सत्र का करेंगे विरोध ज्ञापन देने आए लोगों ने बताया कि यदि सरकार व वन विभाग उनकी मांगें नहीें मानती है तो ट्रेवल एजेंट व होटेलियर्स एक अक्टूबर को नए पर्यटन सत्र का विरोध करेंगे और वाहनों को जंगल में प्रवेश से रोकेंगे।
यह है कारण वन विभाग ने गत दिनों जयपुर में हुई बैठक में नए पर्यटन सत्र से रणथम्भौर की करंट बुकिंग बांधवगढ़ की तर्ज पर ई मित्र से शुरू करने की योजना बनाई थी। इसके बाद से ही होटेलियर्स व ट्रेवल एजेंट इसका विरोध कर रहे हैं। इसके बाद गत दिनों सॉफ्टवेयर विकसित नहीं होने के कारण वन विभाग ने ई मित्र से बुकिंग प्रक्रिया को रोक दिया, लेकिन विभाग ने करंट बुकिंग का काम निजी फर्म से लेकर डीओआईटी विभाग को सौंप दिया है। ऐसे में अब ट्रेवल एजेंट व होटेलियर्स इसका भी विरोध कर रहे हैं।
होटेलियर्स व ट्रेवल एजेंट का यह है तर्क नई बुकिंग प्रक्रिया का विरोध कर रहे टे्रवल एजेंट व होटेलियर्स का तर्क है कि नई प्रक्रिया के तहत रणथम्भौर में वाहनों का प्रवेश सीमित हो जाएगा और पर्यटक पार्क भ्रमण पर नहीं जा सकेंगे।
वन विभाग की यह है मंशा वहीं इस संबंध में वन अधिकारियों का कहना है कि नई बुकिंग प्रक्रिया से पारदर्शिता आएगी और दलालों की लूट खसोट पर पाबंदी लग सकेगी। वर्तमान में कई लोग पर्यटकों से पार्क भ्रमण के नाम पर मनमानी राशि वसूलते हैं।
बुकिंग में मिली थी गड़बड़ी होटेलियर्स व ट्रेवल एजेंट की ओर से जिला कलक्टर को सौंपे गए ज्ञापन में पूर्व में डीओआईटी की ओर से बुकिंग प्रक्रिया में गड़बड़ी करने का भी हवाला दिया गया है। ट्रेवल एजेंटों ने बताया कि जुलाई में एडवांस बुकिंग का काम कर रही डीओआईटी ने ऑफ सीजन में भी बुकिंग शुरू कर दी थी। ऐसे में कई पर्यटकों ने बुकिंग करा ली थी, हालांकि बाद में मामला उजागर होने के बाद विभाग ने बुकिंग बंद कर दी थी और पर्यटकों को राशि भी लौटाई थी।