जानकारी के अनुसार अलीगंज बाईपास के पास बबलू गद्दी के यहां भवन की छत निर्माण का काम चल रहा था। निर्माण कार्य में दर्जनों मजदूर लगे थे। इस दौरान अचानक निर्माणाधीन छत भरभराकर गिर गई। हादसे में दर्जनों मजदूर मलबे में दब गए। छत के गिरते ही यहां चीख-पुकार मच गई। ऐसे में आसपास के दुकानदारों व राहगीरों ने मलबे में दबे मजदूरों को बाहर निकाला। साथ ही घायलों को ऑटो आदि वाहनों की मदद से अस्पताल पहुंचाया।
मच गई चीख-पुकार
अचानक हुए हादसे के बाद मौके पर चीख-पुकार मच गई। मौके पर काम कर रही महिलाओं के चिल्लाने एवं धमाके की आवाज सुनकर आसपास के लोग घटना स्थल पर जमा हो गए। बाईपास से गुजर रहे राहगीर व वाहन चालकों ने मानवता दिखाते हुए घायलों को मलबे से निकालने में मदद की। साथ ही बिलख रही महिलाओं को ढांढस बंधाया। हादसे के बाद निर्माण स्थल पर सिर्फ कंक्रीट, सरिया एवं बल्लियों के ढेर नजर आ रहे थे।
यह हुए हादसे का शिकार
हादसे में रमजान पुत्र सफी मोहम्मद, रेख सिंह पुत्र रामखिलाड़ी, राजू, मोहसिन पुत्र बाबूद्दीन, रेशमा, केशन्ता, मर्जिया, धन्नी, विजेन्द्र पुत्र कैलाश, पदमा पत्नी लल्लूराम, बच्चू लुहार पुत्र रामचरण, सीमा पत्नी सूरज, कंचन एवं बच्ची लुहार पत्नी मोती शामिल हैं। इनमें से रमजान पुत्र सफी मोहम्मद व रेख सिंह पुत्र रामखिलाड़ी को इलाज के लिए बाहर रैफर किया गया है।
प्रशासन ने ली जानकारी
छत गिरने से हादसे में घायल हुए लोगों की कुशलक्षेम पूछने के लिए तहसीलदार बनवारीलाल शर्मा एवं उदेई मोड़ एसएचओ योगेन्द्र शर्मा अस्पताल पहुंचे। उन्होंने वहां घायलों से घटना की जानकारी लेते हुए उनकी कुशलक्षेप पूछी। शाम को पुलिस उपाधीक्षक किशोरीलाल ने अस्पताल पहुंचकर घायलों से घटना की जानकारी ली। साथ ही घायलों के संबंध में चिकित्सकों से चर्चा की।
अस्पताल में लगा तांता
अस्पताल में भर्ती घायलों से मिलने को परिजनों एवं रिश्तेदारों का तांता लग गया। इसके चलते यहां आपातकालीन इकाई एवं सर्जरी वार्ड में लोगों की भीड़ जमा हो गई। परिजनों के रोते-बिलखते आने से माहौल गमगीन हो गया। इसके चलते अन्य वार्डों में भर्ती मरीजों के तीमारदार भी घायलों की जानकारी लेते नजर आए।