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कृषि अध्यादेश वापस लेने की मांग

locationसवाई माधोपुरPublished: Sep 25, 2020 09:49:28 pm

Submitted by:

Arun verma

किसानों के साथ अन्याय

कृषि अध्यादेश वापस लेने की मांग

मलारना डूंगर. कृषि विधेयक के विरोध में राष्ट्रपति के नाम तहसीलदार को ज्ञापन सौंपते किसान।

सवाईमाधोपुर. राजस्थान किसान सभा की जिला शाखा के कार्यकर्ताओं ने शुक्रवार को राष्ट्रपति के नाम अतिरिक्त जिला कलक्टर को ज्ञापन सौंपकर कृषि अध्यादेश वापस लेने की मांग की।

जिलाध्यक्ष कानजी मीणा ने बताया कि कृषि अध्यादेश के नाम पर केन्द्र सरकार की ओर से देश के किसानों के साथ अन्याय किया जा रहा है। इससे किसान अपने ही खेतोंं में श्रमिक बनकर रह जाएंगे और खेती में निजीकरण को बढ़ावा मिलेगा। इससे किसानोंं में रोष है। इस दौरान राजेन्द्र प्रसाद बैरवा, जुगराज आदि मौजूद थे।
कृषि विधेयक बिल वापस लेने की मांग
मलारनाडूंगर. केन्द्र सरकार द्वारा पारित कृषि विधेयक बिल से क्षेत्र के किसानों में खासी नाराजगी है। इसी के चलते शुक्रवार को राजस्थान किसान सभा के बैनर तले किसानों ने राष्ट्रपति के नाम तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा। वहीं केन्द्र सरकार द्वारा पारित बिल को वापस लेने की
मांग की।
राजस्थान किसान सभा जिलाध्यक्ष कानजी मीना के नेतृत्व में सौंपे ज्ञापन में किसानों ने आरोप लगाया कि केन्द्र सरकार ने तानाशाही कर संसद में कृषि विधेयक बिल पास किया है। इस विधेयक से कृषि जगत को खत्म करने करने की साजिश की गई है। कृषि विधेयक बिल से किसानों के मंडियों के दरवाजे बंद हो जाएंगे। किसानों को उपज को न्यूनतम समर्थन मूल्य नहीं मिलेगा। मण्डी में प्रतिस्पर्धा समाप्त हो जाएगी।
यह आशंका जताई
किसानों ने ज्ञापन के माध्यम से आशंका व्यक्त करते हुए कहा कि यह कानून किसानों को देशी-विदेशी बड़ी कम्पनियों को गुलाम बना देगा। यह कम्पनियां मण्डियों के बाहर मनमाने दाम पर किसानों की फसलों को खरीद कर असीमित स्टॉक कर लेंगी। कालाबाजारी करके आमजनता को लूटेंगी।
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