कृषि विधेयक बिल वापस लेने की मांग
मलारनाडूंगर. केन्द्र सरकार द्वारा पारित कृषि विधेयक बिल से क्षेत्र के किसानों में खासी नाराजगी है। इसी के चलते शुक्रवार को राजस्थान किसान सभा के बैनर तले किसानों ने राष्ट्रपति के नाम तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा। वहीं केन्द्र सरकार द्वारा पारित बिल को वापस लेने की
मांग की।
मलारनाडूंगर. केन्द्र सरकार द्वारा पारित कृषि विधेयक बिल से क्षेत्र के किसानों में खासी नाराजगी है। इसी के चलते शुक्रवार को राजस्थान किसान सभा के बैनर तले किसानों ने राष्ट्रपति के नाम तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा। वहीं केन्द्र सरकार द्वारा पारित बिल को वापस लेने की
मांग की।
राजस्थान किसान सभा जिलाध्यक्ष कानजी मीना के नेतृत्व में सौंपे ज्ञापन में किसानों ने आरोप लगाया कि केन्द्र सरकार ने तानाशाही कर संसद में कृषि विधेयक बिल पास किया है। इस विधेयक से कृषि जगत को खत्म करने करने की साजिश की गई है। कृषि विधेयक बिल से किसानों के मंडियों के दरवाजे बंद हो जाएंगे। किसानों को उपज को न्यूनतम समर्थन मूल्य नहीं मिलेगा। मण्डी में प्रतिस्पर्धा समाप्त हो जाएगी।
यह आशंका जताई
किसानों ने ज्ञापन के माध्यम से आशंका व्यक्त करते हुए कहा कि यह कानून किसानों को देशी-विदेशी बड़ी कम्पनियों को गुलाम बना देगा। यह कम्पनियां मण्डियों के बाहर मनमाने दाम पर किसानों की फसलों को खरीद कर असीमित स्टॉक कर लेंगी। कालाबाजारी करके आमजनता को लूटेंगी।
किसानों ने ज्ञापन के माध्यम से आशंका व्यक्त करते हुए कहा कि यह कानून किसानों को देशी-विदेशी बड़ी कम्पनियों को गुलाम बना देगा। यह कम्पनियां मण्डियों के बाहर मनमाने दाम पर किसानों की फसलों को खरीद कर असीमित स्टॉक कर लेंगी। कालाबाजारी करके आमजनता को लूटेंगी।