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किसानों के अरमानों पर फिर पानी

locationसवाई माधोपुरPublished: Aug 22, 2019 02:27:15 pm

Submitted by:

rakesh verma

किसानों के अरमानों पर फिर पानी

किसानों के अरमानों पर फिर पानी

किसानों के अरमानों पर फिर पानी

सवाईमाधोपुर. जिले में गत दिनों लगातार हुई बारिश के बाद किसानों की चिंता बढ़ गई है। मेहनत के साथ बुवाई की फसलों के जलमग्न होने व नदी-नालों के पानी चलते जलभराव होने से फसले गल गई है। इसमें सबसे अधिक नुकसान सोयाबीन में हुआ है, जबकि कई क्षेत्र में उड़द, मूंग व सब्जियों में हुआ है। इधर, कृषि विभाग की ओर से मौसम साफ होने के बाद भी सर्वे की कार्रवाई नहीं कर रहा है। जलमग्न हुई फसलों का अब तक संबंधित विभाग व प्रशासनिक अधिकारियों ने कोई सुध नहीं ली है।जिले में गत दिनों लगातार बारिश का दौर जारी था। खेतों में खड़ी सोयाबीन, टमाटर, उड़द, मूंग सहित अन्य फसलें जलमग्न हो गई हैं। नदी-नालों के पास स्थित खेतों से पानी निकलने लगा तो किसानों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। सोयाबीन की फसलों में पानी भरने से फसले पीली पडऩे लगी है। इधर, किसान संघ 60 प्रतिशत नुकसान का दावा कर रहा है, वहीं प्रशासन ने अभी तक सर्वे शुरू नहीं किया है।
इन गांवों में सर्वाधिक नुकसान
पिछले दिनों तेज बारिश से जिले के लहसोड़ा, खिरखड़ी, आवंड़, भैरूपुरा, सवाईगंज, अजीतपुरा, डागरवड़ा, बदलगंज, कलाकच, सेवती, दुमोदा, खेड़ी, फलौदी में फसले खराब हुई हैं। इसके अलावा बौंली ब्लॉक में घाटा नैनवाड़ी, गोतोड़, दतुली, कुशलपुरा, मिऋत्रपुरा, गोठड़ा, उदगांव, गोल, लाखनपुर, मलारना डूंगर क्षेत्र में मलारना चौड़, बरियारा, रहिता, डिडवाडा, बहतेड़, गोठ, बिलोली, मकसुदंपुरा, डोनायचा, सवाई माधोपुर क्षेत्र में बंदा, सुनारी, मऊ, सिनोली, दोबाड़ा गांवों में फसलें चौपट हुई हैं।

जिले में चम्बल व मोरल बांध ओवरफ्लो होने से नदियों के किनारे बसे गांवों में फसलों में नुकसान हुआ है। इसके लिए कृषि पर्यवेक्षक को फसलों के सर्वे के लिए लगा दिया है। फसल बीमा कंपनी प्रतिनिधि के साथ सर्वे कराया जा रहा है। केसीसी वाले किसान खराबे की सूचना कृषि विभाग कार्यालय, या टोल फ्री पर सूचना दे सकते है।
पीएल मीना, उपनिदेशक, कृषि विस्तार, सवाईमाधोपुर

ये बोले किसान

गत दिनों अतिवृष्टि से जिले में 60 फीसदी तक फसलों में नुकसान हुआ है। बारिश से किसानों की फसले चौपट हो गई है। प्रशासन से फसलों के खराबे का मुआवाज दिलाने की मांग की है।
लटूरङ्क्षसह गुर्जर, जिलाध्यक्ष, किसान संघ, सवाईमाधोपुर

क्षेत्र के आस-पास 12 गांवों में तेज बारिश ने फसले खराब हो गई है। अब तक प्रशासन व कृषि विभाग के अधिकारी सर्वे करने नहीं पहुंचे है। चम्बल के किनारे खेतों में पानी भरा है। किसानों को फसलों के नुकसान का उचित मुआवजा मिले।
महावीर डागर, किसान, लहसोड़ा

खेतों में बाजरा, मूंग, उड़द, तिल की फसले बोई थीं, लेकिन पानी भरने से गल गई है। फसलों का उचित मुआवजा मिलना चाहिए।
सीताराम मीना, किसान, खिलचीपुर


पानी भरने से फसले खराब हो गई है। इस बार मवेशियों के लिए चारे की व्यवस्था भी नहीं हो पाएगी। चराई में भी समस्या आएगी।
छित्तर गुर्जर, किसान, कैलाशपुरी

नदी किनारे खेतों में अधिक नुकसान
खण्डार क्षेत्र में पाली ब्रिज स्थित चम्बल नदी व बनास नदी के किनारे बसेस में दर्जनों गांवों में अतिवृष्टि से फसले चौपट हुई है। यहां अब तक कृषि अधिकारी, पटवारी तक फसलों की रिपोर्ट तैयार करने व आंकलन करने नहीं पहुंचे है। इससे इन गांवों में प्रारंभिक सर्वे तक शुरू नहीं हो पाया है। सर्वे नहीं होने से किसानों की मुश्किले बढऩे लगी है। इधर, किसानों का कहना है कि खेतों में पानी भरने से फसले गलने लगी है। ऐसे में समय पर पटवारी सर्वे के लिए नहीं पहुंच रहे है। इससे मुआवजे पर संकट आएगा।

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