कार्यक्रमों में लगभग 8 हजार विद्यार्थियों ने भाग लिया। इस दौरान मुख्य अतिथि ने उपस्थित छात्रों व सहयोगी संस्थाओं के पदाधिकारियों को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया। विजेता बच्चों को पुरस्कृत किया गया। कार्यक्रम में सहायक वन संरक्षक संजीव शर्मा, अरविंद झा व रेंजर नारायण सिंह नरूका सहित वन विभाग का स्टाफ तथा भाग लेने वाले संस्थाओं के पदाधिकारी मौजूद थे। संचालन भागचन्द सैनी ने किया।
दिखी अव्यवस्थाएं
कार्यक्रम के दौरान संग्रहालय के ऑडिटोरियम में पंखे आदि बंद रहने से विद्यार्थियों को परेशानी हुई। माइक भी ढंग से काम नहीं कर रहा था। पेयजल के माकूल प्रबंध नहीं थे। नहीं खोलने देंगे बांध का गेट
बामनवास. उपखण्ड के सुमेल बांध से पानी की निकासी की मांग को लेकर गहराए विवाद के बाद रविवार को बांध पर आस-पास के एक दर्जन से अधिक गांवों के किसानों की बैठक हुई। इसमें क्षेत्र के भूजल स्तर को बनाए रखने के लिए किसी भी सूरत में बांध से पानी की निकासी नहीं होने देेने का निर्णय लिया गया। इससे पूर्व ज्ञानसिंह डाइरेक्टर एवं भूरसिंह अध्यापक की अध्यक्षता में हुई बैठक में किसानों ने कहा कि लगभग 10 करोड़ की राशि खर्च कर राज्य सरकार द्वारा यह बांध इसी वर्ष बनाया गया है और कई बरसों बाद यहां के किसानों ने पानी का भराव देखा है।
कार्यक्रम के दौरान संग्रहालय के ऑडिटोरियम में पंखे आदि बंद रहने से विद्यार्थियों को परेशानी हुई। माइक भी ढंग से काम नहीं कर रहा था। पेयजल के माकूल प्रबंध नहीं थे। नहीं खोलने देंगे बांध का गेट
बामनवास. उपखण्ड के सुमेल बांध से पानी की निकासी की मांग को लेकर गहराए विवाद के बाद रविवार को बांध पर आस-पास के एक दर्जन से अधिक गांवों के किसानों की बैठक हुई। इसमें क्षेत्र के भूजल स्तर को बनाए रखने के लिए किसी भी सूरत में बांध से पानी की निकासी नहीं होने देेने का निर्णय लिया गया। इससे पूर्व ज्ञानसिंह डाइरेक्टर एवं भूरसिंह अध्यापक की अध्यक्षता में हुई बैठक में किसानों ने कहा कि लगभग 10 करोड़ की राशि खर्च कर राज्य सरकार द्वारा यह बांध इसी वर्ष बनाया गया है और कई बरसों बाद यहां के किसानों ने पानी का भराव देखा है।
बांध में नियमित रूप से ही पानी भरा रहने के बाद क्षेत्र का भूजल स्तर बढ़ सकेगा। रिचार्ज के अभाव में क्षेत्र का भूजल स्तर अत्यन्त गहराई पर चला गया है और सुमेल बांध के निर्माण से भूजल स्तर बढऩे की कुछ आस जगी है। कुछ लोग अनावश्यक परेशानियों का हवाला देते हुए इसको खाली कराने की प्रशासन से मांग कर रहे हैं, लेकिन वे किसी भी सूरत में बांध के गेट से पानी की निकासी नहीं होने देंगे।
उफरा पर होकर उनको पानी निकासी में कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन गेट नहीं खोलने देंगे। बांध के पानी से किसी तरह की किसी को परेशानी नहीं है। कुछ स्वार्थी लोग जो नदी को जोतकर खेती करते हैं। वे इसके पक्ष में हैं। बैठक में सुमेल, गढ़ी का बैरवा, गढ़ी गोपालपुरा तथा कुनकुटा खुर्द सहित कई गांवों के किसान मौजूद रहे।