अमरीका ने कुख्यात आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट(आईएस) के खिलाफ संघर्ष करने वाले सीरियाई लड़ाकों की मदद करने का फैसला किया है। अमरीका ने इन लड़ाकों को इस्लामिक स्टेट (आईएस) के खिलाफ लडऩे के लिए सैन्य प्रशिक्षण दिया है और उनकी मदद के लिए हवाई हमले करने का फैसला किया गया है।
व्हाइट हाउस के राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता एलिस्टेयर बास्के ने इस संबंध में बताया कि अमरिकी सेना बस अपने द्वारा प्रशिक्षित किए गए लड़ाकों को ही समर्थन देगी और उनके बचाव में कार्रवाई करेगी।
बास्के ने कहा, सीरिया में हस्तक्षेप को लेकर हम किसी नियम या कानून का उल्लंघन नहीं करेंगे लेकिन हमारी सेना द्वारा प्रशिक्षित किए गए लड़ाके अपने अभियान को सफलतापूर्वक पूरा करें इसके लिए हम हर जरूरी कदम उठायेंगे।
सीरियाई लड़ाकों के जिस पहले दस्ते को अमरीकी सेना द्वारा प्रशिक्षण के बाद उत्तरी सीरिया में लगाया गया था उन पर शुक्रवार को इस्लामिक स्टेट के आतंकवादियों ने हमला किया था जिसके बाद इन लड़ाकों के बचाव में अमरिकी सेना ने भी हवाई हमले किये।
इस बीच अमरीका के रक्षा मुख्यालय पेंटागन ने सीरिया में दखलंदाजी करने के मामले में किसी भी नियम या कानून के उल्लंघन पर टिप्पणी करने से इंकार किया है। पेंटागन की प्रवक्ता, कमांडर एलिसा स्मिथ ने इस संबंध में कोई टिप्पणी करने से इंकार करते हुए कहा कि अमरिकी अभियान की पहली और सबसे बड़ी प्राथमिकता इस्लामिक स्टेट के आतंंकवादियों के खिलाफ लड़ाई है।
अमरीकी सेना ने इस साल मई में करीब 5400 सीरियाई लड़ाकों को प्रशिक्षण देना शुरू किया था। अमरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की इस पहल को आतंकवादियों और हिंसा फैलाने वाले तत्वों के खिलाफ स्थानीय सीरियाई लोगों का समर्थन हासिल करने की नीति का हिस्सा माना गया था।
अमरीका इस नीति को अपनाकर इस क्षेत्र में आईएस के खिलाफ प्रमुख मोर्चों पर अमरिकी सेना की जगह स्थानीय लड़ाकों की एक फौज खड़ी करना चाहता है।