क्या है क्वांटम कम्प्यूटर्स
एक साधारण कंप्यूटर चिप बिट्स का उपयोग करता है। लेकिन बिट्स के बजाय क्वांटम कंप्यूटर क्यूबिट्स का उपयोग करते हैं। यानी बिट्स की तरह ऑन या ऑफ की बजाय ये क्यूबिट्स उस स्थिति में भी हो सकते हैं जिसे ‘सुपरपोजिशन’ कहा जाता है। इसे ऐसे समझें कि अगर हम एक साधारण कम्प्यूटर को भूलभुलैया से बाहर निकलने का रास्ता बताने के लिए कहें तो वह हर संभव रास्ते को बारी-बारी से आजमाएगा जब तक कि सही रास्ता न मिल जाए जबकि एक क्वांटम कंप्यूटर एक ही बार में भूलभुलैया से बाहर निकलने वाले हर संभावित रास्ते को दिखा सकता है। यह दो संभावित सिरों के बीच मौजूद अनिश्चितता को पकड़ लेता है जो साधारण कम्प्यूटर्स के बस की बात नहीं है।
क्या कर सकते हैं क्वांटम कम्प्यूटर्स
इससे हम ऐसे काम भी कर सकेंगे जिनके बारे में हमने कभी कल्पना तक नहीं की है। ज्यादा कुशल और आधुनिक उत्पाद, बेहतर चिकित्सा तकनीक, सस्ती दवाएं, बड़े पैमाने पर बेहतर सौर पैनलों का निर्र्माण, अल्जाइमर का कारगर इलाज, शेयर बाजार और मौसम का सटीक पूर्वानुमान, क्रिप्टोग्राफी में सुधार कर एन्क्रिप्शन सिस्टम को हैक होने से बचाना, संचार के तौैर-तरीकों औैर कृत्रिम बुद्धिमत्ता (आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस) को पूरी तरह से बदलकर रख देगी।
क्वांटम कम्प्यूटिंग में अब तक
-फरवरी 2020 में क्वांटम कम्प्यूटिंग कंपनी डी-वेव सिस्टम्स इंक ने ‘लीप-2’ नाम से सर्विस लॉन्च की है जो दुनिया की पहली क्वांटम आधारित क्लाउड सर्विस है।
-मार्च 2020 में अमरीकी सेना की शोध शाखा ने एक ऐसा क्वांटम सेंसर विकसित किया है जो दुनिया भर में फैले रेडियो फ्रीक्वेंसी स्पेक्ट्रम पर संचार का पता लगाने में सक्षम है।
-अक्टूबर 2020में लोनक्यू नाम की कंपनी ने 32 क्यूबिट क्षमता वाले अगली पीढ़ी के क्वांटम कम्प्यूटर सिस्टम विकसित किया है। जिसकी क्वांटम वॉल्यूम क्षमता 40 लाख है। क्वांटम वॉल्यूम किसी क्वांटम मशीन की समग्र शक्ति का माप है।
-दिसंबर 2020 में चीन ने एक क्वांटम कंप्यूटिंग प्रणाली विकसित की है जिसे जियुझांग नाम दिया है। यह गूगल के बीते साल बनाए साइकैमोर क्वांटम कम्प्यूटर की तुलना में 10 अरब गुना तेज है। गॉसियन बोसोन सैंपलिंग का उपयोग करते हुए, जियुझांग ने 76 फोटॉन को कैप्चर किया था और क्वांटम वर्चस्व भी हासिल किया था।
-जल्द ही क्वांटम कम्प्यूटिंग क्लाउड सेवा के रूप में उपलब्ध हो सकती है। इतना ही नहीं यह, बिग डेटा एनालिटिक्स का भी एक अभिन्न हिस्सा बन सकता है।
-आईडीसी ने भविष्यवाणी की है कि 2023 तक, 25 फीसदी फॉच्र्यून 500 कंपनियां क्वांटम कंप्यूटिंग से बहुत आगे निकल जाएंगी।
-गूगल का साइकैमोर नाम का क्वांटम कम्प्यूटिंग भी विकसित हो रहा है। इसने बीते साल 10 हजार साल की गणना 220 सेकंड्स में कर के दिखाई थी। गूगल अभी 53 क्यूबिट प्रोसेसिंग क्षमता है जिसे वह 2021 के शुरुआती महीनों में 102 क्यू प्रोटोटाइप और फिर 103 लॉजिकल क्यूबिट प्रोटोटाइप में विकसित करने का रोडमैप तैयार किया है।
-जापान की फुजित्सु एनिलिअर कंपनी ने क्वांटम कम्प्यूटिंग तकनीक से प्रेरित मशीन बनाई है जो आज के सामान्य कम्प्यूटटर से कई गुना तेज काम करती है। क्वांटम फिनोमेना से प्रेरित एक डिजिटल सर्किट डिज़ाइन का उपयोग करते हुए, डिजिटल एनिलिअर तेजी से जटिल कम्प्यूटिंग समस्याओं को हल करने पर ध्यान केंद्रित करता है।