बता दें इस बात का पता लगाने के लिए वैज्ञानिकों ने इंसान के गंध को सूंघने पर अध्ययन किया। ओज्डेनर कहते हैं कि मनुष्य के संघूने पर अध्ययन करने का ख्याल उन्हें तब आया जब उनके 12 साल के बच्चे ने सांप की तरफ इशारा करते हुए कहा कि सांप snake अपने आस-पास की गंध को सूंधने के लिए अपनी जीभ को बाहर निकालता है।
ओज्डेनर का कहना है कि सांप सीधे जीभ से गंध को नहीं सूंघता। सांप, जीभ का उपयोग गंध वाले अणुओं को अपने मुंह तक लाने के लिए करता है। लेकिन मनुष्य सीधे जीभ से भी गंध को सूंघ सकता है।
उन्होंने कहा कि इस शोध को करने के लिए पुराने शोधों की भी सहायता ली गई । पहले का विचार था कि गंध और स्वाद की दो इंद्रियां पहले दिमाग से मिलने की जगह मुंह से मिलती हैं। उनका कहना है कि यह बात तो पुराने शोधों में भी सामने आई है कि खाने और पीने वाली चीजों की तेज गंध इंसान की नाक को बंद कर देती है। इसकी वजह से जब वह खाते हैं तो उन्हें स्वाद की कमी महसूस होती है। लेकिन, नए शोध में निष्कर्ष निकला है कि इंसान जीभ से भी गंध को सूंघ