जर्मनी के इरलगेन-नर्नबर्ग (एफएयू) स्थित फ्रेडरिक एलेक्जेंडर विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं के अनुसार, रेशम कृत्रिम दिल के ऊतक बनाने में कारगर हो सकता है। रेशम की संरचना व यांत्रिक स्थिरता देने का कार्य फाइब्रोनिन प्रोटीन करता है।
शोध का प्रकाशन पत्रिका एडवांस्ड फक्शनल मटेरियल्स में किया गया है। शोधकर्ताओं के दल ने दिल के ऊतकों के निर्माण के लिए प्रयोगशाला में उत्पादित रेशम प्रोटीन ईएडीएफ4की उपयुक्तता की जांच की है।
दिल्ली मेट्रो ने अवशेषों के पुनर्चक्रण के लिए खोला कारखना
नई दिल्ली। दिल्ली मेट्रो ने रविवार को कहा कि उसने निर्माण कार्य के बाद बचे अवशेषों के पुनर्चक्रण (रिसाइकल) के लिए एक कारखाना खोला है। उत्तरी दिल्ली के रोहिणी में खुले इस कारखाने में निर्मित रेत, कंक्रीट के पत्थर, टाइल्स, पेवर ब्लॉक और कर्ब स्टोन्स जैसे हरित उत्पादों का निर्माण होगा।
दिल्ली मेट्रो रेल प्राधिकरण (डीएमआरसी) ने अपने एक बयान में कहा, आम तौर पर डीएमआरसी द्वारा उत्पन्न कचरे को सरकार द्वारा स्वीकृत स्थान पर फेंका जाता है। इन्ही अवशेषों की पुनावृत्ति के लिए इस कारखने का निर्माण किया गया है।
बयान में कहा गया, इस कारखने को संभालने का जिम्मा आईएल एण्ड एफस इंवाइरमेंट के पास होगा। यह कारखना प्रति दिन 150 टन कचरे का पुनर्चक्रण करने की क्षमता रखता है। इसमें वेट टेक्रालजी का उपयोग किया जाएगा, जो कम से कम कूड़ा और ध्वनि प्रदूषण फैलाता है।
यह कारखना सीमेंट, कंक्रीट के पत्थर, कंक्रीट के ब्लॉक, धूल, मिट़्टी, ध्वस्त इमारतों की रेलिंग, फ्रेम, टूटे कांच और टूटे पत्थर जैसे लगभग 95 प्रतिशत अवशेषों के पुनर्चक्रण के लिए सुसज्जित है।