नई दिल्ली। दिग्गज प्रौद्योगिकी कंपनी आईबीएम के एक शीर्ष अधिकारी का कहना है कि अत्याधुनिक क्लाउड सेवाओं के मामले में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस) युक्त क्लाउड समाधान से ही यह निर्धारित होगा कि कौन उद्योग जगत को विस्तारित क्षमता मुहैया करा सकता है। भविष्य में विकसित रूप लेने वाली प्रौद्योगिकियों में एआई को सबसे बड़ी खोज और बदलाव का कारक माना जा रहा है, जो धीरे-धीरे पूरे उद्योग जगत में मौजूदा उत्पादों और प्रौद्योगिकीय नवाचारों के विकास में सबसे अहम कारक बनकर उभरा है।
अब एआई सिर्फ आईओटी (इंटरनेट ऑफ थिंग्स) सक्षम घरेलू उपकरणों व स्मार्टफोन का हिस्सा भर नहीं रह गया है। बाजार अनुसंधान कंपनी ट्रैकटिका के अनुमान के मुताबिक, एआई सॉफ्टवेयर एप्लिकेशन के प्रत्यक्ष और परोक्ष इस्मेताल से साल 2025 तक इसका कारोबार 59.75 अरब डॉलर का हो जाएगा, जो साल 2016 में 1.38 अरब डॉलर रहा था।
आईडीसी के मुताबिक, संज्ञानात्मक तंत्रों और एआई का बाजार (हार्डवेयर और सेवाओं को मिलाकर) साल 2020 तक 47 अरब डॉलर का होगा। आईबीएम इंडिया और दक्षिण एशिया के प्रबंधक (क्लाउड कारोबार) विकास अरोड़ा ने कहा, जब मैं ‘एंटरप्राइज-ग्रेड’ क्लाउड की बात करता हूं तो मेरा मतलब डेटा केंद्र के वैश्विक नेटवर्क से है। दुनिया भर में हमारे 252 डेटा केंद्र हैं, जो सेवाओं की पूरी श्रृंखला प्रदान करते हैं, जिसमें वर्चुअलाइज्ड अवसंरचना भी शामिल है।
आईबीएम इंडिया देश में 1951 से ही मौजूद है और कंपनी ने अपने परिचालन का बेंगलुरू में क्षेत्रीय कार्यालय समेत 20 शहरों में विस्तार किया है। आईबीएम का दिल्ली और बेंगलुरू में शोध केंद्र है तथा बेंगलूरु, गुडग़ांव, पुणे, हैदराबाद और मुंबई में सॉफ्टवेयर लैब है। वहीं, बेंगलूरु, पुणे और हैदराबाद में इंडिया सिस्टम्स डेवलपमेंट लैब्स (आईएसडीएल) है, चेन्नई में क्लाउड डेटा केंद्र हैं तथा देश भर में 8 डिलिवरी केंद्र है।
आईबीएम क्लाउड का 19 देशों में 55 क्लाउड डेटा केंद्र है और उद्यमों को क्लाउड सेवा मुहैया कराने में आईबीएम दुनिया भर में अग्रणी है। इस साल की पहली तिमाही में कंपनी के क्लाउड कारोबार में 35 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की और कुल 14.6 अरब का राजस्व हासिल किया।
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