इस आदत को वैज्ञानिक बेहतर मानते है। चौंक गए न वैज्ञानिकों का मानना है कि गाली देने से व्यक्ति के दिल को काफी सुकून मिलता है और आगे आने वाली मुश्किलों को वह आसानी से झेलने की क्षमता अपने भीतर पैदा कर लेता है। एक रिपोर्ट के अनुसार इंग्लैंड के कीले विश्वविद्यालय में इस पर शोध किया गया है।
यहां साल 2009 में एक ऐसा अध्यन हुआ था, जिसमें गाली देने की आदत वाले तमाम लोगों को शामिल किया गया। कुछ दिन की रिसर्च और निगरानी के बाद जो परिणाम सामने आया वह चौंकाने वाला है।
रिसर्च में गाली देने वाले लोगों को आम लोगों से कहीं ज्यादा खुश पाया गया। शोध के दौरान बहुत सारे छात्रों को कहा गया कि वे अपना हाथ बर्तन में रखे पानी में डालें। उन बर्तनों में बर्फीला ठंडा पानी रखा था। पानी में हाथ डालते ही तमाम छात्रों के मुंह से गाली छूट पड़ी।
खास बात यह रही कि गाली देने वाले स्टूडेंट उस भयंकर ठंडे पानी में भी ज्यादा देर तक हाथ डाले रखने में सफल रहे। दूसरी तरफ जिन लोगों ने गाली नहीं दी और शांति से खड़े रहे थे वे बहुत जल्दी ही अपना हाथ पानी से निकालने को मजबूर हो गए।
इस रिसर्च में एक और बात निकलकर आई कि अचानक जोर से चिल्लाने या कोई गलत शब्द का उच्चारण करने से शरीर में मौजूद एड्रिनलीन नाम का हार्मोन तेजी से रिलीज होता है जो इंसान के दर्द सहने की क्षमता बढ़ाता है। इस शोध की सबसे ज्यादा चौंकाने वाली बात यह पता चली है कि महिलाओं की अपेक्षा पुरुषों पर यह नियम कम लागू होता है।