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रंग लाई खगोलविदों की मेहनत, पता चला कि आखिर कैसे होती हैं ग्रह की उत्पत्ति

locationनई दिल्लीPublished: May 22, 2020 02:53:33 pm

Submitted by:

Piyush Jayjan

खगोलविदों ( Astronomers ) को एक तारे के सिस्टम के पैदा होने के पूरे घटनाक्रम की अहम जानकारी मिली है। इस युवा तारे का नाम एबी ऑरिगे ( Star AB Aurigae) है।

 Planet birth

Planet birth

नई दिल्ली। अंतरिक्ष ( Space ) की बहुत सी घटनाओं को वैज्ञानिक ( Scientist ) काफी बारिकी से नज़र रखते हैं। इसके लिए वे पृथ्वी पर टेलीस्कोप ( Telescope ) से मिली फोटो और उनके आंकड़ों का सहारा लेते हैं जो फोटो के साथ-साथ लगातार अंतरिक्ष से आने वाली किरणों ( Rays ) को डेटा के रूप में संकलित रखते हैं।

इन्हीं तस्वीरों ( Photos ) के जरिए वैज्ञानिकों ( Scientists ) ने एक और दुर्लभ घटना ( Rare Occurrence ) का पता लगाया है, उन्होंने एक ग्रह के पैदा ( Born of the planet ) होने की घटना के क्रम का पता चला है।जिसके बाद कई रहस्यों से पर्दा उठने की संभावना जताई जा रही है।

इस बेहद ही दुर्लभ घटना का विशलेषण शोधकर्ताओं ( Researchers ) ने यूरोपियन साउदर्न ऑबजर्वेटिरी के विशालकाय टेलीस्कोप की फोटो से किया है। खगोलविदों को एक तारे के सिस्टम के पैदा होने के पूरे घटनाक्रम की अहम जानकारी मिली है। इस युवा तारे का नाम एबी ऑरिगे ( Star AB Aurigae) है।

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खगोलविदों को क्या दिखा

खगोलविदों ( Astronomers ) को इसके आसपास धूल और बादलों की एक घनी Disc दिखाई दी। जिसमें खगोलविदों ने नए ग्रह के निर्माण के संकेत देखे हैं, उनके मुताबिक इस Disc के पास कुछ स्पष्ट सर्पिल ( Spiral ) आकार के निशान भी दिखें। जिनमें घुमाव दिखाई दिए जो कि नए ग्रह के निर्माण के समय होते हैं।

इस शोध की अगुआई करने वाले एंथोनी बोकालेटी का कहना है कि ब्रह्माण्ड में हजारों बाह्यग्रह अब तक देखे जा चुके हैं, लेकिन उनकी निर्माण प्रक्रिया के बारे में बहुत कम जानकारी मिल सकी है। खगोलविद जानते हैं कि ग्रह AB Aurigae जैसे युवा तारों के पास धूल वाली Disc से पैदा होते हैं। यह अक्सर तब बनना शुरू होते हैं जब ठंडी गैस और धूल एक साथ मिलते हैं।
इसी तरह के सिस्टम का अवलोकन कुछ साल पहले चिली आटाकामा लार्ज मिलीमीटर ऐरे ने किया था, तब उस अवलोकन से ग्रह बनने की प्रक्रिया शुरू होने के संकेत मिले थे, इन फोटो में भी वैज्ञानिकों ने तारे के पास Disc में गैस की दो सर्पिल भुजाओं को देखा था।

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खगोलविद Disc में से धूल के कणों और उत्सर्जन निकलने वाली हलके प्रकाश की भी देखने में सफल रहे। इससे उन हिस्सों के होने की भी पुष्टि हो पाई जिनसे ग्रह की उत्पत्ति के संकेत मिलते रहे हैं। शोधकर्ताओ के मुताबिक इस घुमाव में दो सर्पिल दिखाई दे रहे हैं जो ग्रह के स्थान पर जाकर मिलते दिख रहे हैं।

इसी प्रक्रिया को किसी ग्रह के बनने की शुरूआत मानी जाती है। यहां गैस और धूल जमा होने लगेगी है और ग्रह का आकार बढ़ने लगता है। इस अध्ययन से जुड़े शोधकर्ता अब अपना अध्ययन इस बात पर केंद्रित रखेंगे कि आगे इस ग्रह का निर्माण किस तरह होता है।

 

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