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12 जुलाई से शुरू होगा ग्रहों का हेरफेर, उल्कापिंडों की बारिश से जगमगाएगा आसमान

Published: Jul 08, 2020 01:07:01 pm

Submitted by:

Soma Roy

Astronomical Events : बुध ग्रह के अपने क्षितिज से ऊपर आने समेत बृहस्पति, सूर्य और पृथ्वी के एक सीध में आने जैसी होंगी अद्भुत घटनाएं
जुलाई महीने के आखिरी में कई उल्कापिंडों की बारिश होगी, जिसे खुली आंखों से देखा जा सकेगा

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Astronomical Events

नई दिल्ली। कोरोना काल के दौरान आसमान में कई खगोलीय घटनाएं (Astronomical Events) देखने को मिल रही हैं। जुलाई माह में भी कुछ ऐसी ही अद्भुत चीजें देखने को मिलेंगी।आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान (एरीज) के वैज्ञानिकों के अनुसार 12 जुलाई को चंद्रमा (Moon) और मंगल (Mars) ग्रह काफी करीब आएंगे। इसके अलावा जुलाई माह में ही सौरमंडल में तीन ग्रहों की अपोजिशन घटनाएं होंगी। इसमें पृथ्वी व सूर्य के साथ कोई एक ग्रह एक सीध में आएगा। यह घटना 14 जुलाई को होगी। इसके अलावा माह के अंत में कई उल्कापिंडों (Meteorites) की बारिश भी होगी। जिससे आसमान में रंग-बिरंगी रौशनी बिखरेंगी।
एरीज के खगोल वैज्ञानिक डॉ. शशिभूषण पांडे के अनुसार 14 जुलाई को हमारे सौर परिवार का सबसे बड़ा ग्रह बृहस्पति, पृथ्वी और सूर्य एक सीध में होंगे। इस दौरान पश्चिम में जब सूर्य अस्त हो रहा होगा, तो पूरब में बृहस्पति उदय हो रहा होगा, जबकि बीच में पृथ्वी होगी। चूंकि बृहस्पति धरती के बेहद करीब होगा। इसलिए ये नजारा काफी खूबसूरत दिखेगा।
ये ग्रह भी करेंगे रोमांचित
खगोलविदों के अनुसार 16 जुलाई को प्लूटो ग्रह अपोजिशन की स्थिति में होगा। चूंकि ये धरती से दूर है इसलिए इसे देखने के लिए दूरबीन का सहारा लेना पड़ेगा। इसी तरह 21 जुलाई को शनि अपोजिशन में होगा। ये पृथ्वी के काफी करीब होगा। इस दौरान शनि ग्रह से चमकदार छल्ले निकलते हुए देखे जा सकते हैं। इस खबूसूरत दृश्य को दूरबीन से देखा जा सकता है।
बुध ग्रह का अनोखा नजारा
26 जुलाई की सुबह सौरमंडल में एक अद्भुत दृश्य देखने को मिलेगा। सूर्योदय से पहले बुध ग्रह को देखा जा सकेगा। क्योंकि ये आसमान में क्षितिज से 17 डिग्री ऊपर होगा। बाकी दिनों में ये सूर्य ग्रह के करीब होता है। इसलिए इस पर चमक पड़ती है। जिसके कारण इसे खुली आंखों से देखना संभव नहीं होता है। मगर 26 जुलाई को इसे दूरबीन से देखा जा सकेगा।
आसमान में होगी आतिशबाजी
जुलाई महीने के आखिर में उल्कापिंडों की बरसात होगी। ये सिलसिला 28-29 की रात को देखने को मिलेगा। उस दिन चांद का आकार इसके 66 फीसद होने कारण उल्कावृष्टि के नजारे को चंद्रमा के अस्त होने के बाद बेहतर तरीके से देखा जा सकेगा।
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