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दरअसल, जापान के अंतरिक्ष यान हायाबुसा 2 ने धरती पर एक कैप्सूल को रिलीज किया है। जिसकी मदद से वैज्ञानिक पृथ्वी पर जीवन की शुरुआत के बारे में पता लगा सकते हैं। हायाबुसा 2 पिछले 6 सालों में 4 अरब 82 करोड़ से अधिक किमी. की यात्रा कर चुका है और इसने अपनी यात्रा के दौरान एक उल्कापिंड से कुछ सैंपल्स लिए थे। जिसकी जाच चल रही है।
जापान की एयरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी के मुताबिक हायाबुसा 2 ने जिस उल्कापिंड के सैंपल्स लिए हैं वे पृथ्वी से करोड़ों मील दूर है। एजेंसी ने बताया है कि उनके अंतरिक्ष यान ने सैंपल्स लेने के बाद कैप्सूल को धरती पर रिलीज कर दिया था, जो ऑस्ट्रेलिया के पास गिरा था। फिलहाल ये कैप्सूल जापान की स्पेस एजेंसी पास है और वैज्ञानिक इसकी जांच में लगे हुए हैं।
स्पेस एजेंसी के वैज्ञानिक इस कैप्सूल की मदद से ये पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि आखिर हमारा सोलर सिस्टम बना कैसा था। इसके बनने की शुरूआत कहां से हुई थी।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ये कैप्सूल जब पृथ्वी के वातावरण से 75 मील दूर था तो कुछ देर के लिए आग का गोला बन गया था हालांकि इसकी सफल लैंडिंग हो गई थी। वहीं इस प्रोजेक्ट में काम कर रहे एक वैज्ञानिक ने बताया कि इन सैंपल का बेहद कम हिस्सा रिसर्च के लिए काफी होगा। इस सैंपल्स में काफी जरूरी डाटा होने की संभावना है।
ऑस्ट्रेलिया नेशनल यूनिवर्सिटी के स्पेसरॉक एक्सपर्ट ट्रेवर अपनी राय देते हुए बताते हैं कि ये सैंपल्स बिल्कुल उसी उल्कापिंड के सैंपल्स से मिलते जुलते होंगे जो आज से 50 साल पहले ऑस्ट्रेलिया के विक्टोरिया स्टेट में गिरा था। इसकी मदद से वैज्ञानिक इस बात का पता भी लगा सकते हैं की हमारे जीवन की शुरूआत कैसे हुई थी। हालांकि इस बात का पता लगाना इतना भी आसान नहीं है।
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बता दें कि हायाबुसा 2 एक जापान का अंतरिक्ष यान है। जिसे साल 2014 के दिसंबर महीनें में लॉन्च किया गया था। साल 2018 के पहले महीने में ये यान इस उल्कापिंड के पास पहुंचा था। जहां इसने सैंपल लिए थे। सैंपल लेने के बाद ये यान अपने दूसरे मिशन पर काम कर रहा है।