इसकी पुष्टि करने के लिए शोधकर्ताओं ने ब्रिटेन के टाइक्रोस चिडिय़ाघर के चिंपाजियों के सामने पानी के बरतन रखे जिनमें लकड़ी के टुकड़े तैर रहे थे। इन चिंपाजियों ने अपने रिश्तेदारों की तरह ही लकडिय़ों का सफलतापूर्वक इस्तेमाल करते हुए पानी पर तैर रहे लकड़ी के टुकड़ों को हटाया।
‘पीर जे’ पत्रिका में छपे शोध उस सोच को खारिज कर दिया है जिसमें पहले कहा जाता था कि औजारों का इस्तेमाल करने के लिए चिंपाजियों को एक दूसरे से सीखना पड़ता है। शोध में यह कहा गया है कि कुछ औजारों का किस तरह इस्तेमाल करना है, यह चिंपाजी के व्यवहार में शुरू से ही होता है।
शोध दल में शामिल एलिसा बंदिनी ने कहा कि चिंपाजियों में जो संस्कृति मौजूद है, वह इंसानों में मौजूद संस्कृति जैसी ही है जो समूहों में फैली।
चीन में लुप्तप्राय पौधे की खोज
बीजिंग। चीन के हेलियोंगजियांग प्रांत में शोधार्थियों ने बड़ी संख्या में लुप्तप्राय पौधों की प्रजाति ‘वॉटरव्हील’ का पता लगाया है। किशिंघी नेशनल नेचर रिजर्व के शोधार्थियों ने 20 से 23 सितंबर के बीच 600 वर्गमीटर क्षेत्र में 5,000 से अधिक वाटरव्हील पौधों की पहचान की। वॉटरव्हील जलीय वीनस फ्लाईट्रैप की तरह एक जड़ रहित और तैरने वाले पौधा है।
इस पौधे को वर्ष 1999 में राष्ट्रीय संरक्षण की श्रेणी में रखा गया था और इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजरवेशन ऑफ नेचर द्वारा लुप्तप्राय प्रजातियों के रूप में सूचीबद्ध किया गया था। शोधार्थी ने कहा, वॉटरव्हील पौधों को पानी की सख्त जरूरत होती है, जो स्वच्छ और गर्म भी होना चाहिए। वॉटरव्हील यूरोप, एशिया, अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया में पाए जाते है।