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दुनिया की सबसे घातक मच्छरों की प्रजाति को नपुंसक बनाकर चीन ने किया उनका सफाया, जानें कैसे

locationनई दिल्लीPublished: Jul 19, 2019 02:56:09 pm

Submitted by:

Priya Singh

चीन ( China ) ने रेडिएशन का इस्तेमाल कर मच्छरों को बनाया नपुंसक
दो द्वीपों से खत्म हुई मच्छरों की एशियन टाइगर प्रजाति
SIT नामक तकनीक का किया गया इस्तेमाल

china completely wiped out almost all Mosquitoes on its two islands

दुनिया की सबसे घातक मच्छरों की प्रजाति को नपुंसक बनाकर चीन ने किया उनका सफाया, जानें कैसे

नई दिल्ली। कुछ साल पहले चीन ( China ) से आई एक खबर ने मेडिकल साइंस ( medical science ) में तहलका मचा दिया था। इस खबर में कहा गया था कि चीन जल्दी ही दो द्वीपों से मच्छरों ( mosquitoes ) की खतरनाक प्रजाति का खात्मा कर देगा। आखिरकार कुछ सालों पहले चीन द्वारा शुरू किए गए इस अभियान में देश को पूरी तरह से सफलता हासिल हुई है। आंकड़ों को देखें तो दुनियाभर में कई ऐसी मौतें हैं जो असमय हुई हैं जिनका कारण मच्छरों को भी माना गया है। गौरतलब है कि 128 देशों में डेंगू फैला हुआ है। कई कोशिशों के बाद भी आजतक इनमें से कोई भी देश मच्छरों को पूरी तरह से खत्म नहीं कर पाया था। लेकिन चीन ने कुछ सालों में ही दो द्वीपों से मच्छरों का लगभग पूरी तरह सफाया करने में बड़ी कामियाबी हासिल की है।

 Asian Tiger Mosquito

चीन के दक्षिण में स्थित गुआंगझाओ में दो द्वीपों पर वैज्ञानिकों ने एक प्रयोग कर मादा एशियन टाइगर मच्छर का लगभग 99 फीसदी सफाया कर दिया है। इस तकनीक को एसआईटी ( SIT ) नाम दिया गया है। स्टेराइल इंसेक्ट तकनीक ( Sterile insect technology ) नाम से जानी जाने वाली इस तकनीक में वैज्ञानिकों ने रेडिएशन का इस्तेमाल किया है। इस प्रयोग को पूरा होने में करीबन 2 साल का समय लगा है। कुछ वर्षों पहले चीन ने इस काम को करने के बारे में योजना बनाई थी और वे इतनी जल्दी इसमें सफल भी रहे।

Mosquitoes have been almost completely wiped out

वैज्ञानिकों ने सबसे पहले मादा एशियन टाइगर मच्छरों को रेडिएशन के ज़रिए नपुंसक बनाया। जिसके बाद धीरे-धीरे मच्छरों की तादाद कम होती गई। वैज्ञानिकों ने मादा मच्छरों के लिए रेडिएशन और नर मच्छरों के पर ब्रीडिंग सीजन में Wolbachia bacteria का इतेमाल किया जिसका परिणाम ये रहा कि मच्छरों की पूरी प्रजाति का सफाया हो गया। जानकारों के मुताबिक, इस प्रजाति के मच्छरों की संख्या में पिछले 40 सालों में एशिया में बढ़ोतरी हुई है। WHO की एक रिपोर्ट के मुताबिक, मच्छरों की ये प्रजाति पूरी दुनिया में सबसे घातक होती है।

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