इनकी शोध के मुताबिक पृथ्वी के अस्तित्व में आने के शुरुआती वक्त में इससे लगभग एक चांद के आकार का भूमंडलीय पिंड टकराया था, जिसकी वजह से धरती पर सोना और प्लैटिनम जैसे बहुमूल्य धातु आए या कहें गिरे। अध्ययन करने वाली वैज्ञानिकों की टीम के अनुसार इस टक्कर के बाद पृथ्वी पर आने वाले धातुओं की मात्रा पहले के अनुमानों से अधिक है और इसके प्रभाव ने पृथ्वी को धरातल तक बदलकर रख दिया। नासा की मदद से साउथवेस्ट रिसर्च इंस्टिट्यूट और यूनिवर्सिटी ऑफ मैरीलैंड के शोधकर्ताओं ने यह अध्ययन किया। यह स्टडी नेचर जियोसाइंस जर्नल नाम की एक पत्रिका में छपी है।
इस स्टडी के अनुसार हमेशा से ग्रहों का टकराव ही हमारे सौर मंडल के गठन के मुख्य कारण रहे हैं। वैज्ञानिक लंबे वक्त से ऐसा मानते रहे हैं कि चांद के अस्तित्व में आने के बाद, पृथ्वी ने अपनी रचना के शुरुआती समय में लंबे समय तक पिंडों से टकराव के बाद कई धमाके झेले हैं। यह धमाके 3.8 अरब साल पहले बंद हो गए थे। इस समय को ‘लेट अक्रीशन’ का नाम दिया गया। लेट अक्रीशन दौरान चंद्रमा के आकार के बड़े भूमंडलीय पिंडों के आपस के टकराव के कारण व्यापक रूप में धातु और चट्टान बनाने वाले खनिज धरती की सतह और आंतरिक भाग में पहुंच गए। वैज्ञानिकों का कहना है कि धरती के मौजूदा भार का 0.5 प्रतिशत हिस्सा इन टकरावों की वजह से धरती पर पहुंची चीजों की वजह से हुआ। एक नए अध्ययन से पता चला है कि कैसे भयानक टक्करों के कारण धरती पर सोने जैसा घातु पहुंचा और प्लैटिनम जैसे बहुमूल्य धातु की तभी से अस्तित्व में होने की सम्भावना है।