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प्रदूषण की चेतावनी देगी रंगीन हवा

Published: Jul 12, 2017 08:00:00 pm

दुनिया में सबसे ज्यादा प्रदूषित हवा वाले 10 में से 4 शहर भारत के हैं

Air Pollution

Air Pollution

अहमदाबाद। गुजरात के अहमदाबाद में प्रदूषित हवा से बचने के लिए रंगीन हवा के रूप में चेतावनी देने वाला देश का पहला एयर मॉनिटरिंग एंड वार्निंग सिस्टम लगने जा रहा है। दुनिया में सबसे ज्यादा प्रदूषित हवा वाले 10 में से 4 शहर भारत के हैं। इनमें अहमदाबाद का भी नंबर है। मई 2017 में शुरू हुए ‘एयर इंफॉर्मेशन एंड रिस्पॉन्स’ (एआईआर) के तहत एक एयर क्वालिटी इंडेक्स बनाया जाना है, जो शहर में अलग-अलग जगहों से रोज की हवा का विश्लेषण करेगा।

शहर में बड़ी-बड़ी एलईडी स्क्रीन लगाई जाएगी, जहां प्रदूषण के स्तर को पांच रंगों में दिखाया जाएगा और साथ ही उसके असर के बारे में भी जानकारी होगी। इस पूर्व चेतावनी सिस्टम में लोगों को आने वाले दिनों में शहर में वायु प्रदूषण के स्तर के बारे में भी बताया जाएगा।

हवा के प्रति घन मीटर हिस्से में 2.5 माइक्रोग्राम से हल्के जितने ज्यादा कण शामिल होते हैं, विश्व स्वास्थ्य संगठन उसे उतना ज्यादा प्रदूषित मानता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि वायु प्रदूषण हर साल विश्व के करीब 70 लाख लोगों की असमय जान ले रहा है। इसमें से लगभग 30 लाख लोग सार्वजनिक जगहों पर मौजूद गंदी हवा के कारण मारे जा रहे हैं। दुनियाभर में होने वाले इन मौतों में से आधी से ज्यादा भारत व चीन में होती हैं।


महासागरों में तैर रहे हैं 5.25 लाख करोड़ प्लास्टिक के टुकड़े
नई दिल्ली। इंसानों द्वारा प्लास्टिक का हो रहा बेतहाशा प्रयोग अब मानव जीवन के लिए ही खतरे का सबब बनता नजर आने लगा है। न्यूजीलैंड की डेटा फर्म डंपर्क ने महासागरों का एक ऐसा इंटरेक्टिव मानचित्र जारी किया जो हैरान करने का साथ डरावना भी है। डंपर्क के मुताबिक हर साल करीब आठ टन प्लास्टिक हम महासागरों में फेंक देते हैं। जो समुद्री और मानव जीवन दोनों के लिए गंभीर खतरे का संकेत है।

एक बिंदु का वजन 20 किलो कचरा
डंपर्क द्वारा जारी मानचित्र के मुताबिक महासागरों में इस वक्त 5.25 लाख करोड़ प्लास्टिक के टुकड़े हैं। मानचित्र पर सफेद बिंदुओं के रूप में महासागरों में प्लास्टिक की अनुमानित संख्या को दर्शाया गया है। प्रत्येक बिंदु 20 किलो कचरे का प्रतिनिधित्व करता है। ये देखने में आकाश के तारों की तरह लगते हैं। जिसकी संख्या का अनुमान लगाना भी मुश्किल है।

काले बादल में तारों की तरह दिखता है कचरा
इस विषय पर शोध करने वाले वैज्ञानिक लॉरेंट लेबर्टन ने कहा कि अगर इस मानचित्र को जूम करके देखते हैं तो फ्लोटिंग लैंडफिल दिखता है। इसमें महासागर एक विशाल सतह की तरह और कचरे तारों का एक बड़ा समूह दिखता है।

उत्तरी प्रशांत महासागर 2 खबर प्लास्टिक के टुकड़े
मानचित्र में दिखाया गया है कि उत्तरी प्रशांत महासागर में प्लास्टिक का कहर कुछ ज्यादा ही है। इसके पानी में करीब 2 खबर प्लास्टिक के टुकड़े तैरते दिखाई देते हैं। इसका कुल वजन करीब 87 लाख किलोग्राम है, जो समुद्री कचरे का एक तिहाई हिस्सा है।

हिंद महासागर में 1.3 खरब प्लास्टिक
हिंद महासागर में भी प्लास्टिक कचरे का कुछ ऐसा ही हाल है। इसके पानी में 1.3 खरब प्लास्टिक के खड़े टुकड़े पाए गए हैं। मानचित्र से पता चलता है कि हिंद महासागर भी अत्यधिक प्रदूषित है, इसके पानी में 1.3 खरब बड़े-बड़े प्लास्टिक के टुकड़े हैं।

कचरे का 60 फीसदी हिस्सा 5 देशों की देन
इस शोध से पता चलता है कि महासागरों में प्लास्टिक प्रदूषण का 60 फीसदी हिस्सा सिर्फ पांच देश ही फैलाते हैं। जिनमें चीन, इंडोनेशिया, फिलीपींस, वियतनाम और थाईलैंड शामिल हैं।

हर किसी को इसका जिम्मेदार बनना होगा

महासागर पर शोध करने वाले डॉ मार्कस एरिक्सन ने 2007 से 2013 के बीच दुनिया के पांच प्रमुख शहरों में 24 अभियान चलाए हैं। मार्कस का कहना है कि हमें प्लास्टिक रीसाइक्लिंग के बारे में गंभीरता से सोचना होगा और व्यक्तिगत रुप से भी अपनी जिम्मेदारी का निर्वाह करना पड़ेगा, तभी ये धरती सुरक्षित रह सकती है।


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