इस एप के विवरण में बताया गया है, पिक्सेल एंबिएंट सर्विसेज पिक्सल डिवाइसों के लिए स्थानीय संदर्भ के आधार पर सुविधाएं प्रदान करती है। एंड्रायड पुलिस के मुताबिक, गूगल ने इस एप के स्क्रीनशॉट में एक ऑटोमेटिक सेटिंग दिखाया है जो यूजर के ड्राइविंग के दौरान उसे भांप लेता है और डीएनडी सेवा सक्रिय कर देता है।
एप्पल और सैमसंग जैसे स्मार्टफोन निर्माता ने भी इस साल अपना ‘डीएनडी’ मोड फीचर लांच किया है। इस साल जारी पिक्सल डिवाइसों में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई), सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर पर खास ध्यान दिया गया है। देश में पिक्सल 2 और पिक्सल 2 एक्सएल स्मार्टफोंस और डेड्रीम व्यू वर्चुअल रियलिटी (वीआर) हेडसेट नवंबर से उपलब्ध होगा।
गाड़ी चलाते वक्त फोन उठाना जानलेवा
सिडनी। करीब 50 प्रतिशत चालक गाड़ी चलाने के दौरान अपने पास पड़े फोन की घंटी को बजता देख उसे उठाने से नहीं चूकते। उन्हें इस बात का जरा सा भी अंदाजा नहीं होता कि ऐसा करना खतरनाक हो सकता है। शोधकर्ताओं के निकाले निष्कर्ष से यह बात सामने आई है कि बजते हुए फोन को देखना, किसकी कॉल है यह देखना, कॉल को काटना या उठाना गाड़ी चलाने वालों को आसान लग सकता है, लेकिन शोध बताता है कि चालकों के लिए यह काम सबसे खतरनाक साबित हो सकता है।
क्वींसलैंड यूनिवर्सिटी टेक्नोलॉजी के प्रमुख शोधकर्ता ऑस्कर ओवीडियो-ट्रेसपालासियोस ने कहा, दुर्घटना होने के खतरा इसलिए अधिक होता है, क्योंकि फोन उठाते वक्त या फोन पर बात करने के दौरान चालक गाड़ी की गति को कम कर देते हैं, दूरी को बढ़ा लेते हैं। उन्होंने कहा, दूसरी ओर, किसी भी समय आपका फोन बज सकता है और ऐसे में चालक अपनी आदत के अनुसार फोन उठाता है और इस कारण दुर्घटनाएं हो जाती हैं।
पत्रिका ‘प्लोस वन’ में प्रकाशित शोध रिपोर्ट में बताया गया है कि इस शोध के लिए टीम ने करीब 484 क्वींसलैंड चालकों से बात की। इसमें पता चला कि करीब 45 प्रतिशत चालकों ने गाड़ी चलाने के दौरान फोन उठाने की बात को स्वीकार किया है, जबकि 25 प्रतिशत चालकों ने हैंडहेल्ड डिवाइस पर बात करने की गलती को स्वीकारा है। इसके अलावा, अन्य चालकों ने बज रहे फोन को दो या उससे अधिक समय तक देखने और कॉल को उठाने की बात स्वीकार की है।