एक स्टडी के मुताबिक जिन महिलाओं को रजोनिवृत्ति 45 साल से पहले हो जाता है उमें हृदय की बीमारियों का खतरा 50 प्रतिशत अधिक होता है।
एक नई स्टडी के अनुसार, जो महिलाएं समय से पहले मेनॉपाज स्टेज में पहुंच जाती हैं उनको हृदय से जुड़ी बीमारियों और असमय मृत्यु का खतरा अधिक होता है। इस पर स्टडी करने वाले डच रिसर्चर 300000 महिलों पर 32 अध्ययनों के बाद इस नतीजे पर पहुंचे हैं।
50 प्रतिशत अधिक है चांस
उन्होंने 45 की उम्र से पहले रजोनिवृत्ति होने वाली और इस उम्र के बाद रजोनिवृत्ति होने वाली महिलाओं में हृदय की बामारियों के खतरे की तुलना की। उन्होंने पाया कि जिन महिलाओं को रजोनिवृत्ति 45 साल से पहले हो जाता है उमें हृदय की बीमारियों का खतरा 50 प्रतिशत अधिक होता है।
स्ट्रोक का नहीं है संबंध
स्टडी लेखकों के अनुसार, समय से पहले रजोनिवृत्ति से हृदय की बीमारियों के कारण होने वाली मौतों का खतरा बढ़ जाता है। लेकिन स्ट्रोक जैसे जोखिम का इससे कोई संबंध नहीं देखा गया। इस स्टडी के संबंध में हाल ही में जामा कार्डियोलॉजी नाम की मैगजीन में लेख प्रकाशित हुआ था।
स्टडी के लेखक और नीदरलैंड की इरास्मस यूनिवर्सिटी मेडिकल सेंटर से जुड़े डॉ. टोलेंट रॉटरडैम के अनुसार, स्टडी से हासिल नतीजे इशारा करते हैं कि जल्द रजोनिवृत्ति से गुजरने वाली महिलाओं को अपने हृदय की देखभाल बढ़ा देनी चाहिए और उससे जुड़ रोगों के रोकथाम के उपाय करने शुरू कर देने चाहिए।
लम्बे समय तक एस्ट्रोजन हार्मोन लेने से कैंसर
एक्सपर्ट्स के मुताबिक जल्द रजोनिवृत्ति से गुजरने वाली महिलाएं हार्मोन थेरेपी ले सकती हैं। लेकिन लंबे समय तक एस्ट्रोजन हार्मोन लेना कैंसर और स्ट्रोक के खतरों का कारण भी बनता है। आम तौर पर माना जाता है कि महिलाओं में रजोनिवृत्ति 51 साल की उम्र के बाद होता है। लेकिन रिसर्चरों ने पाया कि प्रत्येक 10 में से एक महिला 45 या उससे पहले ही इस चरण में पहुंच जाती है।