इस बात का खुलासा म्यूनिक में हुई सालाना यूरोपियन सोसायटी ऑफ कार्डियॉलजी कांग्रेस 2018 में पटल पर रखी गई एक नई रिसर्च में किया गया। इसके मुताबिक माथे पर पड़ने वाली झुर्रियां अथेरोस्लेरॉसिस (atherosclerosis) बीमारी जिसमें धमनियां कठोर हो जाती हैं कि वजह से होने वाली असमय मौत के खतरे का संकेत देती हैं। अनुसंधानकर्ताओं ने इस पूरी स्थिति को समझाते हुए बताया कि माथे में मौजूद रक्त वाहिकाएं प्लेक बनने की प्रति ज्यादा संवेदनशील होती हैं क्योंकि वे बेहद छोटी होती हैं। नतीजतन ये रक्त वाहिकाओं की बढ़ती उम्र का संकेत भी हैं। इसके अलावा कोलाजन प्रोटीन और ऑक्सिडेटिव स्ट्रेस की वजह से भी अथेरोस्लेरॉसिस हो सकता है जिससे माथे पर गहरी लकीरें पड़ जाती हैं।
वैज्ञानिकों ने बाकायदा इसके लिए २० साल तक इंतजार किया और एक रिसर्च के लिए 3 हजार 200 कामकाजी वयस्कों की जांच भी की। इस दौरान उनके माथे पर पड़ने वाली समानांतर झुर्रियों की जांच की गई और यह जानने की कोशिश की गई उन लोगों में कार्डियोवस्क्युलर डिजीज यानी हृदय रोग का खतरा कितना अधिक है। इस रिसर्च में शामिल प्रतिभागियों को उनके माथे पर मौजूद लकीरों की संख्या और गहराई के आधार पर नंबर्स दिए गए। शून्य का अर्थ था कोई झुर्री नहीं और 3 नंबर का मतलब था बहुत ज्यादा और गहरी लकीरें।
करीब 20 साल तक तीन हजार वयस्कों की जांच करने के बाद वैज्ञानिक इस तह तक पहुंच पाए कि जहां जहां लकीरों का स्कोर जितना ज्यादा था उस प्रतिभागी में हृदय संबंधित रोग होने का खतरा उतना ही अधिक था।
वैसे लोग जिनके माथे पर मौजूद लकीरों का स्कोर 2 या 3 था उनमें हृदय रोग और मौत का खतरा 10 गुना अधिक था उन लोगों की तुलना में जिनका स्कोर शून्य था। हालांकि वैज्ञानिक चेतावनी भी देते हैं कि केवल माथे की लकीरें देखकर हृदय रोग का पता नहीं लगाया जा सकता बल्कि इसके लिए डॉक्टर से जरूरी टेस्ट भी करवाने चाहिए।
वैज्ञानिक कहते हैं कि अगर माथे पर गहरी लकीरों के साथ ही आपका ब्लड प्रेशर भी ऊपर-नीचे होता रहता है और ब्लड में ग्लूकोज का लेवल भी स्थिर नहीं है तो आपके लिए चिंता की बात हो सकती है। लिहाजा इससे बचने के लिए बैलेंस्ड डायट का सेवन करें, जितना हो सकते लाइफस्टाइल को हेल्दी रखें और व्यायाम करें। योग का भी सहारा लेकर इससे छुटकारा पाया जा सकता है।