अपनी जिज्ञासा और लगन के चलते और सीमित संसाधनों के बावजूद दुनिया के सबसे बड़े रहस्य से पर्दा उठाने का दावा यह छात्र कर रहे हैं। यह रहस्य है जिसके लिये दुनिया के विकसित देशों के वैज्ञानिकों ने सालों रिसर्च किया लेकिन नतीजा कुछ ना मिला। यह अपने आधुनिक डिवाइस की मदद से रहस्य पर से पर्दा उठाना चाहते हैं दुनिया को इसकी सच्चाई बताना चाहते हैं। यह रहस्य है अटलांटिक महासागर का बरमूडा ट्रायंगल, जहां माना जाता है कि हर साल औसतन 20 छोटे जहाज और चार विमान समा पानी में समा जाते हैं या दूसरे शब्दों में कहें बरमूडा ट्रायंगल उन्हें लील लेता है। यही वजह है कि हजारों लोग अपनी जान गंवा बैठते हैं। बरमूडा ट्रैंगल के जानलेवा रहस्य से पर्दा उठाने की कोशिश में दो वर्षों से यह चार बच्चे जिनका नाम है आर्यण, कुशाग्र, सत्यम और विश्वजीत यह सभी इसी कोशिश में लगे हैं के इस रहस्य से पर्दा उठ सकें।
इन चरों छात्रों के अपने रिसर्च में यह दावा किया है कि हमारे बनाए गए डिवाइस बरमूडा ट्रायंगल के भीतर की दुर्लभ तस्वीर बहार लेकर आएगी जिससे हम उसके अंदर हो रही हलचल को देख पाएंगे। इस डिवाइस की मदद से हम हर साल इसके शिकार होने वाले हजार लोगों को मरने से बचा सकते हैं। इन छात्रों के काम की प्रशंसा अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा भी कर चुके हैं। जिस स्कूल में यह चरों पढ़ते हैं उस स्कूल की प्राचार्य बताती हैं कि इन चारों छात्रों में विज्ञान के प्रति इतनी जिज्ञासा थी कि छात्र मैग्नेट चैप्टर की पढ़ाई के दौरान ही इसके खोज की ठान ली थी। पीएमओ कार्यालय से इन छात्रों को हरी झंडी मिल गई है जिससे इन छात्रों के हौसले ने उड़ान बहार ली है। लेकिन डिवाइस बनाने वाले छात्रों को गोवा में खुद को प्रमाणित करने का बेसब्री से इंतजार है जिससे उनके फार्मूले पर दुनिया की मुहर लग सके।