जी हां आईवीएफ के जरिए संतान चाह रहे जोड़ों के लिए अच्छी खबर है कि अब अच्छे स्पर्म की पहचान चुटकियों में हो जाएगी ताकि मनचाहे शिशु को पाया जा सके।
भूकंप आने पर धरती से निकलती है सोने की धार, ये रहे सबूत वैज्ञानिकों ने ऐसा उपकरण बनाने में सफलता प्राप्त की है जो तेज और मजबूत शुक्राणुओं (स्पर्म) को चुटकियों में पहचान लेता है। हालांकि अभी तक अच्छे स्पर्म की पहचान करके उसे अलग कर पाना काफी मुश्किल था। अच्छी क्वॉलिटी के स्पर्म की पहचान कर उन्हें अलग करना सबसे मुश्किल और थकाऊ काम होता है।
इस काम में इससे पहले लागत भी ज्यादा आती थी और समय भी काफी लगता था। अमेरिका की कॉरनेल यूनिवर्सिटी की असिस्टेंट प्रफेसर अलीरेजा का कहना है कि हाई क्वॉलिटी के स्पर्म की पहचान मुश्किल काम होता है मगर इस डिवाइस से कई घंटों का काम महज पांच मिनट में हो जाएगा।
अच्छे स्पर्म वही माने जाते हैं जो फ्लो के उलट टिके रह पाते हैं इसलिए वैज्ञानिकों ने सब पहले माइक्रोफ्लूडिक चैनल बनाया, जिसमें स्पर्म तैरते हैं। इसी में ऐसा सिस्टम बनाया जो दीवार की तरह काम करता है और सबसे मजबूत स्पर्म को अपने पास रोक लेता है।
यह रिसर्च पीएनएएस नाम के जर्नल में छपी है। इस उपकरण का फायदा ये होगा कि निसंतान दंपतियों को मनचाहे स्पर्म के लिए लंबा इंतजार नहीं करना होगा और उम्दा क्वालिटी के स्पर्म चुटकियों में पा सकेंगे।