script2 हजार साल के मुकाबले 20वीं शताब्दी में तेजी से बढ़ी ग्लोबल वार्मिंग, अध्ययन में हुआ खुलासा | global warming increased faster-pace-than-in-last-2000-years | Patrika News

2 हजार साल के मुकाबले 20वीं शताब्दी में तेजी से बढ़ी ग्लोबल वार्मिंग, अध्ययन में हुआ खुलासा

Published: Jul 27, 2019 12:32:44 pm

Submitted by:

Deepika Sharma

Global Warming: 20वीं सदी के अंत से ही बढ़ने लगा था धरती का तापमान
ग्लोबल वार्मिंग के तापमान को नापने के लिए आधुनिक थर्मामीटर रीडिंग का किया गया इस्तेमाल

 

climate
नई दिल्ली। विश्व का तापमान ( temprature) 20 वीं सदी के अंत से लेकर 21 वीं तक तेजी से बढ़ा है। ऐसा पिछले 2,000 वर्षों की तुलना में ज्यादा तेजी ( increase ) से हुआ है। इस बात का खुलासा हाल ही में जारी की गई रिपोर्ट (report) में हुआ है। वैज्ञानिकों का कहना है कि पर्यावरण ( enviorment ) में होने वाला उतार-चढ़ाव लंबे समय से बहस का विषय रहा है, लेकिन अब तक इसका हल नहीं निकाला गया।
climate
रिपोर्ट के मुताबिक, औसत वैश्विक तापमान वर्तमान में पहले के औद्योगिक समय की तुलना में लगभग 1° C गर्म हो गया है। शोधकर्ताओं ने जलवायु ( change climate ) में बदलाव के कारण को जानने के लिए कई तरह के तापमान नापने वाले मीटर ( meter ) का प्रयोग किया है, जिसमें भविष्य ( future ) में लगभग 70 से अधिक तापमान होने के संकेत को दर्ज किया है। ग्लोबल वार्मिंग ( global warming ) के तापमान को नापने के लिए आधुनिक थर्मामीटर रीडिंग ( Thermometer readings )
आदि मशीनों का उपयोग किया।
climate
दरअसल, शोध में यह निष्कर्ष निकला कि पहले की शताब्दी के मुकाबले वर्तमान के मानव इतिहास में इतनी जल्दी और लगातार तापमान में वृद्धि नहीं हुई है, जितनी 20 वीं शताब्दी के अंत से लेकर 21 वीं शताब्दी की शुरुआत में अब तक होती आ रही है। इंसान अपनी अर्थव्यवस्था को बनाए रखने और बढ़ोतरी करने के लिए लगातार प्राकृत्तिक संसाधनों का इस्तेमाल करता आ रहा है, इससे भविष्य में ग्लोबल वार्मिंग का लेवल चरम बिंदु पर होता जा रहा।
climate
अध्ययन में पाया गया कि पहले के औद्योगिक तापमान में उतार-चढ़ाव का कारण काफी हद तक ज्वालामुखी में होने वाली गतिविधियों से था। लेकिन शोध में यह भी पाया गया कि जिस प्रकार इंसानों के कारण वर्तमान में ग्लोबल वार्मिंग में तेजी हुई है। उतनी 20 वीं शताब्दी के उत्तरार्द्ध में कभी नहीं देखी गई थी।

अध्ययनों पर टिप्पणी करते हुए, यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन में क्लाइमेटोलॉजी के प्रोफेसर, मार्क मैसलिन ने कहा कि ग्लोबल वार्मिंग को जल्द से जल्द रोकने के लिए अहम कदम उठाने बहुत आवश्यक हैं। क्योंकि जलवायु में होने वाले इस तरह के परिवर्तन प्राकृतिक जलवायु चक्र का हिस्सा बनते जा रहे हैं।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो