एक एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक मौसम में हो रहे बदलाव के चलते ग्लोबल वार्मिंग का खतरा बढ़ गया है। इसका असर वेनिस पर दिखने लगा है। इस बात की चेतावनी ( warning ) वैज्ञानिकों ने चार साल पहले ही दे दी थी। इस तरह से अचानक हो रहे कुदरत के बदलावों को देखते हुए वैज्ञानिक ( scientist ) प्रकृति ( nature ) के अलावा इंसानों को इसका अधिक जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। रिसर्चरों का कहना है कि अगर ऐसा ही चलता रहा तो एक दिन वेनिस शहर पूरा ही पानी में डूब जाएगा। हर साल वेनिस के लोगों को बाढ़ का सामना करना पड़ता है और इससे एक बड़ी तबाही आने का अंदेशा बना हुआ है।
रिपोर्ट ( report ) में ये भी लिखा गया था कि अगर जल्द से जल्द ग्लोबल वार्मिंग को कम नहीं किया गया तो वेनिस शहर धीरे-धीरे पानी में समा जाएगा। शोध के अनुसार-2100 से पहले भूमध्य सागर में जलस्तर 140 सेमी तक बढ़ने का अनुमान है। ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन के कारण समुद्र के स्तर में वृद्धि होती जा रही है, जिसके कारण उत्तर एड्रियाटिक और इटली के पश्चिमी तट के कुछ हिस्सों में 176 मील लंबे समुद्र तट को निगलने की भविष्यवाणी की गई है। इसी में वेनिस जैसा प्राचीन और प्रतिष्ठित शहर भी शामिल है।
बता दें कि वेनिस शहर साल में चार बार हाई टाइड के कारण बाढ़ग्रस्त हो जाता है, लेकिन सैटेलाइट डेटा से मिली जानकारी के मुताबिक वेनिस शहर लगातार डूबता जा रहा है। वैज्ञानिक इसके पीछे का एक कारण ये भी बताते हैं कि जिन सेडिमेंट्स पर यह शहर बना है, उनके घिसाव के कारण भी ऐसा हो सकता है। इतना ही नहीं आए दिन इंसान कंस्ट्रक्शन वर्क कर रहे हैं, इससे प्राकृति पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। इस साल भी इसका नकारात्मक असर इस शहर पर देखा जा सकता है।
वैज्ञानिक सैटेलाइट की मदद से वेनिस शहर पर नजर रख रहे हैं। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार- इटली के एक शीर्ष हेरिटेज ग्रुप इटालिया नोस्त्रा ने संयुक्त राष्ट्र से कहा है कि वह वेनिस शहर को ऐसे शहरों की सूची में डाल दे, जिनके लुप्त होने का खतरा मंडरा रहा है। लंदन की एक रिसर्च में वेनिस शहर के अलावा इटली के 33 राज्य भी खतरे के निशान पर बताए जा रहे हैं।