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जीवन स्तर में सुधार हो अंतरिक्ष कार्यक्रमों का लक्ष्य : किरण कुमार

Published: Nov 20, 2017 09:17:57 pm

इसरो के अध्यक्ष ए.एस. किरण कुमार ने कहा कि दूरसंचार, नेविगेशन की बढ़ती जरूरतों के मद्देनजर उपग्रहों की संख्या दोगुनी करने की जरूरत है।

AS Kiran Kumar

AS Kiran Kumar

नई दिल्ली। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष ए.एस. किरण कुमार ने लोगों के जीवन स्तर में सुधार को अंतरिक्ष कार्यक्रमों का लक्ष्य बताते हुए सोमवार को कहा कि दूरसंचार, नेविगेशन तथा अन्य क्षेत्रों की बढ़ती जरूरतों के मद्देनजर उपग्रहों की संख्या दोगुनी करने की जरूरत है। कुमार ने उद्योग संगठन फिक्की द्वारा भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम पर आयोजित अंतरराष्ट्रीय सेमिनार के उद्घाटन के मौके पर यह बात कही।

उन्होंने कहा, हम अपने काम की रफ्तार बढ़ा रहे हैं क्योंकि यह जरूरी है। हमारे 42 उपग्रह इस समय अंतरिक्ष में सक्रिय हैं, लेकिन अर्थ ऑब्जर्वेशन, माइक्रोवेब तकनीक, दूरसंचार और नेविगेशन की आवश्यकताओं को देखते हुए यह अपर्याप्त है। हमें उपग्रहों की संख्या बढ़ाकर दोगुनी से भी ज्यादा करनी होगी। उन्होंने कहा कि इसरो हर साल प्रक्षेपणों की संख्या बढ़ाने की दिशा में प्रयास कर रहा है ताकि हम देश की जरूरतों के अनुरूप उपग्रहों की संख्या जल्द बढ़ा सकें।

उन्होंने कहा कि आने वाले वर्षों में अंतरिक्ष में पहुंच की लगात कम करना एक बड़ी चुनौती है जिससे आम लोगों को इसका समुचित लाभ मिल सके। हमारा प्रयास देश के लोगों के जीवन स्तर में सुधार होना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत ने दूसरी विदेशी अंतरिक्ष एजेंसियों की तुलना में कम लागत में उपग्रह प्रक्षेपण की अपनी क्षमता पूरी दुनिया के समक्ष साबित कर दी है।

इसरो प्रमुख ने कहा कि दुनिया में कई निजी कंपनियां आज अंतरिक्ष क्षेत्र में काफी आगे बढ़ चुकी हैं। वे अंतरिक्ष पर्यटन, अंतरिक्ष एडवेंचर, अंतरिक्ष अन्वेषण की बात करती हैं। इन सबके बीच भारत जैसे विकासशील देशों के लिए अंतरिक्ष इंफ्रास्ट्रक्चर का उद्देश्य मौसम, जलवायु परिवर्तन और प्राकृतिक आपदाओं से जुड़ी जरूरी सूचनाओं के जरिए आम लोगों के जीवन में सुधार है।

उन्होंने कहा कि एक सरकारी संगठन होने के नाते यह अनिवार्य है कि इसरो देशवासियों के सशक्तिकरण की दिशा में काम करें तथा दूसरी अंतरिक्ष एजेंसियों के साथ मिलकर अंतरिक्ष तक पहुंच की लागत कम करें। लागत कम करना अंतरिक्ष कार्यक्रमों की सफलता की कुंजी है। उन्होंने कहा कि यदि दुनिया की विभिन्न अंतरिक्ष एजेंसियां तथा समाज के सभी तबके मिलकर काम करें तो यह लक्ष्य हासिल किया जा सकता है।

कुमार ने एक ओर जहां इसरो की अब तक की उपलब्धियां गिनाई, वहीं दूसरी ओर तेजी से बदलते आधुनिक परिदृश्य को भी रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि कुछ वर्ष पहले तक अंतरिक्ष क्षेत्र में सिर्फ सरकारें और सरकारी एजेंसियां ही काम करती थीं, लेकिन आज इसमें निजी उद्योगों का काफी योगदान है। उन्होंने कहा कि हार्डवेयर निर्माण के लिए इसरो 500 से ज्यादा कंपनियों के साथ काम कर रहा है।

उन्होंने भारतीय उद्योगों से अंतरिक्ष क्षेत्र में अपना योगदान बढ़ाने की अपील करते हुए कहा कि वे न सिर्फ इसरो तथा भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम में शामिल हों, बल्कि वैश्विक स्तर पर अंतरिक्ष कार्यक्रमों का हिस्सा बनें। दो दिवसीय सेमिनार तथा प्रदर्शनी भारतीय अंतरिक्ष क्षेत्र से जुड़े मुद्दों पर उद्योग जगत द्वारा आयोजित अपनी तरह का पहला कार्यक्रम है। इसमें इसरो तथा निजी कंपनियों ने भी अपने उत्पादों को प्रदर्शित किया है जिसमें चंद्रयान यान सहित विभिन्न उपग्रहों के साथ प्रक्षेपणयानों के मॉडल भी शामिल हैं। सेमिनार में अंतरिक्ष क्षेत्र से जुड़े 34 विदेशी संस्थान हिस्सा ले रहे हैं।

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