वहीँ अब तक इस वायरस के 24 प्रकार या (STRAIN) सामने आ चुके हैं। यह वायरस जिंदा रहने के लिए जीवित प्राणियों के शरीर पर निर्भर करता है। इसलिए संक्रमण की चेन टूटते ही यह मर जाता है। यह बहुत तेजी से अपने अंदर बदलाव लाकर (म्यूटेशन) अपनी संरचना में परिवर्तन करता है इसलिए इसका इलाज ढूंढने में दिक्कत आ रही है। कोविड-19या नोवेल कोरोना वायरस के अलावा मर्स-सीओवी (मिडिल ईस्ट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम कोरोना वायरस) और सार्स-सीओवी (सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम कोरोना वायरस) भी प्रमुख हैं। ये सभी जानवरों से इंसानों में फैल सकते हैं, इस विशेषता को जूनोटिक कहा जाता है। माना जाता है कि कोविड-19 का संक्रमण चीन के एक प्रमुख पशु बाजार से हुआ है।
कैसे हमला करता है कोविड-19 वायरस
इस वायरस की सतह पर मुकुट या ताश के क्लब आकार (CORONA VIRUS COVID-19) जैसी गोलाकार संरचना है इसलिए इसे कोरोना कहते हैं। सभी वायरस की तरह इस वायरस के संचरण का मुख्य जरिया भी बूंदों या खाँसने, छींकने के माध्यम से होता हैं। इससे संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से यह तुरंत आपके गले और नाक के पिछले हिस्से में जमा हो जाता है और वे जो भी काम कर रहे हैं उसे रोक देता है। धीरे-धीरे यह अपने प्रजन चक्र को तेजी से बढ़ाते हुए हमारे दूसरे महत्त्वपूर्ण अंगों पर भी हमला कर देता है। इससे धीरे-धीरे सांस लेने में तकलीफ, सूखी खांसी और गले में खराश होती है। दर्द इस बात का संकेत हे कि कोशिकाएं संक्रमित हो चुकी हैं और आपको इलाज की जरुरत है। इसके बाद बुखार आता है।
इस वायरस की सतह पर मुकुट या ताश के क्लब आकार (CORONA VIRUS COVID-19) जैसी गोलाकार संरचना है इसलिए इसे कोरोना कहते हैं। सभी वायरस की तरह इस वायरस के संचरण का मुख्य जरिया भी बूंदों या खाँसने, छींकने के माध्यम से होता हैं। इससे संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से यह तुरंत आपके गले और नाक के पिछले हिस्से में जमा हो जाता है और वे जो भी काम कर रहे हैं उसे रोक देता है। धीरे-धीरे यह अपने प्रजन चक्र को तेजी से बढ़ाते हुए हमारे दूसरे महत्त्वपूर्ण अंगों पर भी हमला कर देता है। इससे धीरे-धीरे सांस लेने में तकलीफ, सूखी खांसी और गले में खराश होती है। दर्द इस बात का संकेत हे कि कोशिकाएं संक्रमित हो चुकी हैं और आपको इलाज की जरुरत है। इसके बाद बुखार आता है।
जब भी वायरस जैसा कोई बाहरी जीव शरीर के भीतर प्रवेश करता है तो हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली को इसे पहचानने और प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया शुरू करने में समय लगता है। हालांकि, ऐसा होने पर शरीर में मेमोरी कोशिकाएं भी उत्पन्न होती हैं। जिसका अर्थ है कि यदि वायरस भविष्य में फिर से कोशिश करता है तो आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली इसे तुरंत पहचानकर बहुत तेज़ी से प्रतिक्रिया करेगी। प्रतिरक्षा प्रणाली पाइरोजींस नाम का रसायन उत्पन्न करती है जो हमारे मस्तिष्क को शरीर को तापमान बढ़ाने का निर्देश देते हैं जिससे आपको 37.8 सेल्सियस या उससे तेज बुखार होता है। बुखार शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली के अन्य हिस्सों को काम करने में मदद करता है और वायरस के लिए प्रतिकूल वातावरण भी बनाता है। एक तर्क है कि बुखार वास्तव में संक्रमण से लडऩे में मदद करते हैं लेकिन क्योंकि वे हमें अस्वस्थ महसूस कराते हैं इसलिए हम उसे कम करने की कोशिश करने लगते हैं। हालांकि ५ से ७ दिनों में ही हमारे शरीर का सुरक्षा तंत्र इस वायरस से लडऩे में सक्षम हो जाता है।
दस्त हों तो हल्के में न लें
कुछ मामलों में संक्रमित लोगों ने दस्त की शिकायत भी की है। ऐसा इसलिए है क्योंकि कोविड-19 वायरस हमारी नाक के माध्यम से भी शरीर में प्रवेश करता है। जहां से यह आंत तक फैल जाता है। यहां तक कि हल्के लक्षणों वाले लोगों में भी दस्त के लक्षण हो सकते हैं। इसका मतलब यह है कि मल के माध्यम से वायरस के संक्रमण का खतरा भी है। इसकी भी चिकित्सा पेशेवरों द्वारा तत्काल जांच की जा रही है। हम हर दिन इस वायरस के बारे में नई चीजें सीख रहे हैं। इसलिए अभी खुद को सेल्फ आइसोलेशन और सोशल डिस्टैंसिंग ही सर्वोत्तम इलाज है।
कुछ मामलों में संक्रमित लोगों ने दस्त की शिकायत भी की है। ऐसा इसलिए है क्योंकि कोविड-19 वायरस हमारी नाक के माध्यम से भी शरीर में प्रवेश करता है। जहां से यह आंत तक फैल जाता है। यहां तक कि हल्के लक्षणों वाले लोगों में भी दस्त के लक्षण हो सकते हैं। इसका मतलब यह है कि मल के माध्यम से वायरस के संक्रमण का खतरा भी है। इसकी भी चिकित्सा पेशेवरों द्वारा तत्काल जांच की जा रही है। हम हर दिन इस वायरस के बारे में नई चीजें सीख रहे हैं। इसलिए अभी खुद को सेल्फ आइसोलेशन और सोशल डिस्टैंसिंग ही सर्वोत्तम इलाज है।