ब्रिटेन में स्थित सबसे बड़े ब्रेन बैंक की कुछ तस्वीरें आज कल लोगों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर रही हैं। करीब एक हजार दिमाग इस बैंक में संभलकर कर रखे गए हैं। इन ब्रेन्स को सहेजकर रखने के पीछे शोध एक कारण है।
इन दिमागों को -150 डिग्री के तापमान में सहेजकर रखा जाता है। आपको बता दें पैकेट और टेस्ट ट्यूब में इन ब्रेन्स सहेजकर रखा जाता है।
एक मीडिया रिपोर्ट को यहां के बैंक मैनेजर ने बताया कि, किसी भी शख्स की मौत के बाद उनकी टीम के पास केवल 72 घंटे होते हैं जिसमें वह दिमाग को सुरक्षित रूप से बैंक लेकर आते हैं और उसके स्टोर करके रखते हैं।
आपको बता दें इसे कूल बॉक्स में लाया जाता है जिसके बाद दिमाग के दो हिस्से किए जाते हैं।
इसके बाद एक हिस्से को तीन हफ्तों तक फॉर्मलिन में रखा जाता है ताकि वह खराब न हो जबकि दूसरे हिस्से पर शोध किया जाता है।
फॉर्मलिन में रखे हिस्से में से डिमेंशिया से प्रभावित हिस्से को अलग कर उस पर मोम का लेप लगाते हैं। आगे शोधकर्ता इनका माइक्रोस्कोप में अध्ययन और जांच करते हैं।
इस बैंक के शोधकर्ताओं को उम्मीद है कि इनके जरिए वे डिमेंशिया और कई गंभीर बीमारियों के आसान इलाज करने में सफल रहेंगे।