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Independence Day 2021: आजादी से अब तक देश का सैटेलाइट से लेकर स्वदेशी GPS तक का सफर

locationनई दिल्लीPublished: Aug 15, 2021 04:35:31 pm

Submitted by:

Neelam Chouhan

Independence Day 2021: आजादी से लेकर अबतक बहुत कुछ बदल गया है। विज्ञान, तकनीक में बहुत ज्यादा बदलाव देखने को मिले हैं। इसलिए आज हम सैटलाइट से लेकर स्वदेसी GPS तक के सफर की बात करेंगे।

Independence Day 2021: The journey from satellite to indigenous GPS

Independence Day 2021: The journey from satellite to indigenous GPS

नई दिल्ली। Independence Day 2021: 15 अगस्त को आजादी के जश्न के दिल जब से हमें आजादी मिली तब से लेकर अब तक बहुत सारे बदलाव देखने को मिले हैं। जहां कभी शहरों में लाइट और सड़क नहीं थी, वहां आज गांव में सड़कें, रोशनी और पानी की अच्छी व्यवस्था देखने को मिलती है। आजादी से लेकर अब तक तकनीक और विज्ञान पूरी तरह से बदल गया है। इसलिए आजादी की वर्षगांठ के इस मौके पर विकास की तरफ एक नजर डालना बेहद जरूरी है।
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आर्यभट्ट

भारत का सबसे पहला सैटेलाइट आर्यभट्ट था। आर्यभट्ट को अंतरिक्ष में 1975 में 19 अप्रैल को भेजा गया था। ISRO ने सोवियत संघ की सहायता से इंडिया का पहले उपग्रह आर्यभट्ट को सफलतापूर्वक अंतरिक्ष में रवाना किया था। आर्यभट्ट नाम तो आपने सुन ही रखा होगा, ये नाम फेमस गणितज्ञ आर्यभट्ट के नाम पर रखा गया था। यदि हम बात करें सैटेलाइट कि तो इसका वजन कम से कम 360 किलोग्राम था। इसको बनाने में तीन करोड़ से ज्यादा की लागत लगी थी।
टेस्ट ट्यूब बेबी

विज्ञान के लिए सन 1978 बहुत अच्छा साबित हुआ क्योंकि भारत में सन 1978 में टेस्ट ट्यूब बेबी के जरिए बच्चे का जन्म हुआ। जो कि कोई आम बात नहीं थी। भारत दुनिया का टेस्ट ट्यूब बेबी के जरिए बच्चे का जन्म होने वाला दूसरा देश बना था। इस बच्चे का जन्म कोलकाता में हुआ। टेस्ट ट्यूब बेबी के जरिए जन्मी बच्ची को दुर्गा नाम दिया गया था।
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हैंडपंप

हैंडपंप का आविष्कार सबसे अच्छे अविष्कारों में से एक है। भारत में फर्स्ट टाइम हैंडपंप का अविष्कार 1978 में हुआ था। इस पंप को भारत सरकार ने विश्व स्वास्थ्य संगठन की सहायता से बनाया था। आज भी बहुत सारी जगहों पर हैंडपंप का ही इस्तेमाल किया जाता हैं।
पहला मेड इन इंडिया कंप्यूटर

भारत ने सन 1991 में पूरी दुनिया को मेड इन इंडिया कंप्यूटर से रूबरू कराया था। 1991 में बने इस सुपर कंप्यूटर का नाम Param था। ये सन भी भारत के लिए बहुत अच्छा साबित हुआ क्योंकि सुपर कंप्यूटर बनाना सबके बस की बात नहीं थी।
देश की सबसे पहली मोबाइल फ़ोन कॉल

31 जुलाई 1995 को भारत में पहली बार मोबाइल फ़ोन कॉल से बात की गई थी। पहली बार फ़ोन पर केंद्र सरकार में तत्कालीन मंत्री सुखराम और बंगाल के सीएम ज्योति बासु के बीच बात हुई थी। बताते चलें कि नोकिया के फोन से दोनों मंत्रियों की बात हुई थी।
Indian apps
UIDAI (भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण)

26 जनवरी 2009 को योजना आयोग ने एक विशिष्ट संख्या वाले पहचान पत्र को बनाने के लिए UIDAI के गठन के बारे में इन्फॉर्म किया था। नंदन नीलेकणी जो कि इंफोसिस के संस्थापक थे उनको चेयरमैन बनाया गया था। महाराष्ट्र में सितंबर 2010 में कुछ इलाकों में इस आधार योजना को लांच किया गया था। वहीँ, 2012 में फर्स्ट टाइम UIDAI ने आधार का ऑनलाइन वेरिफिकेशन भी शुरू किया गया था।
मेड इन इंडिया मोबाइल ऐप

साल 2020 को भारत सरकार ने 200 से अधिक चाइनीज मोबाइल ऐप्स को बैन कर दिया था। तभी से लेकर आज भारत में मेड इन इंडिया मोबाइल ऐप्स की भरमार हो चुकी है। टिकटॉक के बैन होने पर काफी लोगों को अफसोस हुआ था। लेकिन आज भारत में 50 से भी ज्यादा शार्ट वीडियो एप्स हैं, जो कि मेड इन इंडिया हैं।
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