इन्हें सतत विकास, लोकतांत्रिक शासन, मानवाधिकार और कानूनी मामलों में सुधार को लेकर काम का अनुभव है। संयुक्त राष्ट्र के एक प्रोजेक्ट के तहत विकसित देशों में वनों की कटाई से पैदा होने वाले उत्सर्जन को कम करने के लिए प्रभावी नीति बना चुके हैं। इनकी टीम वनों व पेड़ों की कटाई के प्रति लोगों को जागरूक करने का काम करती है। इनका मानना है कि पर्यावरण संतुलन बना रहेगा तो पूरी दुनिया का भविष्य हमेशा के लिए सुरक्षित रहेगा। मौजूदा समय में यूएन एनवॉयरमेंट ग्लोबल रेड और एडवाइजर काउंसिल ऑफ द नैचुरल कैपिटल डिक्लरेशन (एनसीडी) के लिए काम कर रहे हैं। ग्रीन इनीशिएटिव के लिए काम कर चुके हैं जिसमें दुनिया को हरा-भरा करने की नीति बनाई जाती है। इन्हें वल्र्ड इकोनॉमिक फोरम के लिए वनों के संरक्षण और उनके विकास के लिए काम करने का अनुभव है।
लॉ-कॉमर्स में मास्टर डिग्री
ओडिशा के बेरहामपुर यूनिवर्सिटी से कॉमर्स में स्नातक और मास्टर्स की डिग्री हासिल की है। यहीं से इन्होंने लॉ (कानून) में स्नातक और मास्टर्स किया है। इसके बाद ये डेवलपमेंट इकोनॉमिक्स के क्षेत्र में आए, जहां अलग-अलग राष्ट्रों के विकास की नीति तैयार की। अब अपनी अर्थशास्त्र की नीति से पर्यावरण को बचाने में अहम भूमिका निभाएंगे। यूएन एनवॉयरमेंट दुनिया की सबसे बड़ी संस्था है जो पर्यावरण संरक्षण को लेकर काम करती है।