कागोशिमा प्रांत के तानेगाशिमा द्वीप पर स्थित अंतरिक्ष केंद्र से जापान एरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी (जेएएक्सए) और मित्सुबिशी हेवी इंडस्ट्रीज ने जापानी एच-2ए रॉकेट के जरिए मिचीबिकी-4 संचार उपग्रह लॉन्च किया। ‘जेएएक्सए’ ने एक बयान में कहा कि रॉकेट का लॉन्च और उड़ान योजना अनुरूप रही है और साथ ही उपग्रह को अलग होने में भी निर्धारित 28 मिनट और 21 सेकंड ही लगे हैं।
यह दूसरी प्रणाली है, जिसे जापान ने अपने कासी-जेनिथ सैटेलाइट सिस्टम्स के तहत लॉन्च किया है। यह उपग्रह पृथ्वी से 33,000 और 39,000 किलोमीटर के बीच की ऊंचाई पर काम करेगा।
क्षुद्रग्रह जा रहा नासा का अंतरिक्ष यान पृथ्वी के पास से गुजरा
वॉशिंगटन। क्षुद्रग्रह का नमूना भेजने वाला नासा का अंतरिक्षयान शुक्रवार को बेनू नामक क्षुद्रग्रह के लिए जाते समय पृथ्वी के पास से होकर गुजरा। यह अगले अगस्त में क्षुद्रग्रह पर पहुंचेगा। नासा ने कहा कि ओएसआईआरआईएस-आरईएक्स (ओरिजिन्स, स्पेक्ट्रल इंटरप्रिटेशन, रिसोर्स आइडेंटिफिकेशन, एंड सिक्युरिटी- रीगोलिथ एक्सप्लोरर) अंतरिक्ष यान शुक्रवार को पूर्वी समयानुसार अपराह्न 12.52 बजे (भारतीय समयानुसार रात 10.22 बजे) अंटार्कटिका के 17,237 किलोमीटर के दायरे में आया और उसके तत्काल बाद प्रशांत महासागर के ऊपर उत्तर दिशा की ओर मुड़ गया।
मैरीलैंड के ग्रीनबेल्ट में नासा के गोदार्ड अंतरिक्ष उड़ान केंद्र में इस अंतरिक्ष यान के परियोजना प्रबंधक रिच बन्र्स ने कहा, क्षुद्रग्रह बेनू से हमारी मुलाकात के रास्ते में इस अंतरिक्ष यान का पृथ्वी के पास आना एक मौलिक घटना है।
ओएसआईआरआईएस-आरईएक्स अंतरिक्ष यान वर्तमान में सात वर्ष की यात्रा पर है, जो अध्ययन के साथ, बेनू का नमूना लेकर धरती पर लौटेगा। इस आदिम क्षुद्रग्रह के नमूने से वैज्ञानिकों को 4.5 अरब से अधिक साल पहले हमारे सौर मंडल के गठन को समझने में मदद मिलेगी।
इस अंतरिक्ष यान को आठ सितंबर, 2016 को एटलस वी 411 रॉकेट के जरिए लॉन्च किया गया था। हालांकि रॉकेट ने अंतरिक्ष यान को बेनू की ओर बढ़ाने के लिए आवश्यक सभी गति प्रदान कर दी थी, लेकिन ओएसआईआरआईएस-आरईएक्स को अपनी कक्षा बदलने के लिए पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण से अतिरिक्त प्रोत्साहन की जरूरत थी।