वॉशिंगटन। इंसान क्यों एकाकीपन महसूस करता है, वैज्ञानिक लंबे वक्त से इस बात का पता लगाने में जुटे थे। हाल ही में हुए एक शोध में अब बताया गया है कि अकेलेपन की वजह आनुवंशिक होती है। इंसान के पैदा होती ही उसके साथ एकाकीपन का एहसास भी जुड़ जाता है या यों कहें कि वो तन्हाई वाले जीन के साथ ही पैदा होता है। मनोचिकित्सकों का मानना है कि इस शोध से अकेलेपन से घिरे लोगों को समझने और उनके इलाज में मदद मिलेगी।
शोधकर्ताओं का कहना है कि अकेलापन इंसान के लिए मानसिक और शारीरिक परेशानियों का सबब बन जाता है। कैलिफॉर्निया के सैन डिएगो की मनोचिकित्सक अब्राहम पामर कहती हैं कि एक ही परिवार में रहने वाले दो व्यक्तियों में से एक तो सामाजिक संरचना के साथ घुल-मिल जाता है जबकि वहीं दूसरा समाज और परिवार से कटकर इतना एकाकी हो जाता है कि उसे किसी से कोई मतलब ही नहीं रहता। इसी बात को समझने के लिए हमने यह शोध किया है।
10 हजार लोगों पर किया गया यह शोध
अमरीका के 10,760 लोगों पर यह शोध किया गया। शोध में 50 साल तक के उम्र वाले लोगों को शामिल किया गया। इन सभी में आनुवंशिकी और अकेलापन का अध्ययन किया गया और पाया गया कि 14 से 27 फीसदी तन्हाई की वजह आनुवंसिक है। इस शोध में भाग लेने वालों से पूछा गया कि उन्हें किस वक्त अपने साथी की सबसे ज्यादा जरूरत महसूस होती है। कब सबसे ज्यादा एकाकीपन महसूस करते हैं। इस शोध में भाग लने वाले लोगों का डीएनए परीक्षण भी किया गया। शोधकर्ताओं ने पाया कि एकाकीपन के लक्षण मनोविक्षुब्धता और डिप्रेशन के लक्षणों के साथ जुड़ी हुई है