एक माह में पहुंचे तीन मिशन-
पिछले एक माह में जीवन के निशान तलाशने के लिए पृथ्वी से 3 मिशन मंगल ग्रह पहुंच गए हैं। इनमें यूएई का पहला अंतग्र्रहीय मिशन द होप ऑर्बिटर, चीन का पहला मंगल मिशन तियानवेन-1 ऑर्बिटर और अमरीका का परसिवरेंस रोवर शामिल हैं। परसिवरेंस जेजेरो गड्ढे में जांच अभियान में लगा है। यहां पर 3.5 अरब साल पहले विशाल झील थी।
4.6 अरब साल पहले आया वजूद में-
मंगल ग्रह 4.6 अरब साल पहले वजूद में आया था। इसलिए अतीत में अगर मंगल पर जीवन था, तो वो संभवत 4.48 अरब साल पहले विकसित होना शुरू हो गया होगा। तकरीबन उसी समय जब पृथ्वी पर शुरू हुआ। हालांकि हमारी धरती पर जीवन के प्रत्यक्ष प्रमाण, केवल 3.7 अरब साल पहले के ही हैं।
छिपा हुआ है 99 फीसदी तक पानी-
ईवा के मंगल मॉडल से यह संकेत मिलते हैं कि करीब 30 से 99 फीसदी पानी इन्हीं खनिजों में फंसा है। काफी समय से माना जाता रहा है कि मंगल ग्रह पर शुरुआत से ही इतना अधिक पानी था कि वह करीब 100 से 1,500 मीटर क्षेत्रफल के समुद्र से ही ग्रह को कवर कर सकता था। वैज्ञानिक मानते हैं कि ग्रह की मैग्नेटिक फील्ड खत्म हो गई थी। इसके बाद उसका वातावरण भी धीरे-धीरे समाप्त हो गया। इसी कारण ग्रह का पानी भी खत्म हुआ होगा।