CNEOS का काम है धरती का आसपास घूमने, आने-जाने वाले एस्टेरॉयड्स और धूमकेतुओं पर नजर रखना। यह संस्था यह तय करती है कि धरती को किन एस्टेरॉयड या धूमकेतु से खतरा है।
पॉल चोडस ने कहा कि इन नीयर अर्थ ऑब्जेक्टस की टक्कर का पूरा अंदाजा लगाया जाता है, लेकिन वैज्ञानिकों को पूरा अनुमान है कि चांद कभी भी धरती के साथ टकराएगा नहीं। इसके साथ ही उन्हें ये भी अनुमान है कि चांद ऑर्बिट से बाहर नहीं निकलेगा।
पॉल के मुताबिक यह टक्कर इसलिए भी नहीं हो सकती क्योंकि धरती की गुरुत्वाकर्षण शक्ति काफी ज्यादा है। अगर सिर्फ खिंचाव ही होता तो चांद न जाने कबका टकरा जाता। उन्होंने कहा कि, चांद को हिलाने के लिए चांद के आकार का एस्टेरॉयड पहले उससे टकराएगा, तभी चांद अपनी जगह से हिल पाएगा, फिलहाल ऐसा होना मुमकिन नहीं दिखता।
धरती ने नहीं टकराएगा चांद
पॉल चोडस ने कहा कि इन नीयर अर्थ ऑब्जेक्टस की टक्कर का पूरा अंदाजा लगाया जाता है, लेकिन वैज्ञानिकों को पूरा अनुमान है कि चांद कभी भी धरती के साथ टकराएगा नहीं। इसके साथ ही उन्हें ये भी अनुमान है कि चांद ऑर्बिट से बाहर नहीं निकलेगा।
पॉल के मुताबिक यह टक्कर इसलिए भी नहीं हो सकती क्योंकि धरती की गुरुत्वाकर्षण शक्ति काफी ज्यादा है। अगर सिर्फ खिंचाव ही होता तो चांद न जाने कबका टकरा जाता। उन्होंने कहा कि, चांद को हिलाने के लिए चांद के आकार का एस्टेरॉयड पहले उससे टकराएगा, तभी चांद अपनी जगह से हिल पाएगा, फिलहाल ऐसा होना मुमकिन नहीं दिखता।
इसके अलावा चांद को धकेलने के लिए टक्कर बहुत तेज गति के साथ होनी चाहिए। अब टक्कर काफी तेज होगी तो चांद के टुकड़े भी होंगे, तो जरूरी नहीं कि पूरा चांद धरती से टकराए। किस्मत की बात ये है कि निकट भविष्य यानी कुछ हजारों सालों तक ऐसी कोई संभावना नहीं है।
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